कोरोना काल के कारण दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मंच जी-20 (G-20) का सालाना शिखर सम्मेलन इस बार वर्चुअल मोड में किया जाएगा. यानी इस बार इस बड़े समूह के नेताओं का सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होगा.
इस साल समूह की अध्यक्षता कर रहे सऊदी अरब ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक नेताओं की आगामी नवंबर में होने वाली बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की जाएगी.
कोरोना का खतरा न होता तो साल 2020 में इस बार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप , रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन , भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मंच साझा करने का एक बड़ा मौका मिलता.
इस संबंध में जारी एक बयान के मुताबिक बैठक के दौरान महामारी के दौरान उजागर हुईं कमजोरियों को दूर करने और बेहतर भविष्य की नींव रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
बयान के मुताबिक जी-20 देशों ने कोविड19 वैक्सीन के उत्पादन और चिकित्सीय मदद के लिए 21 अरब डॉलर से अधिक का योगदान किया है और वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए 11,000 अरब डॉलर लगाए हैं. गौरतलब है कि जी-20 मंच दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है.
जिसके दायरे में दुनिया का 80 फीसदी व्यापार होता है, दुनिया की करीब दो-तिहाई आबादी इस मंच के दायरे में आती है. जिसमें अर्जेंटीना, चीन, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, भारत, इटली, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, कोरिया गणराज्य, तुर्की, अमेरिका, साउथ अफ्रीका, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन भी शामिल है.