पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि वह देश चलाने या फैसले लेने में अक्षम है. अदालत ने कहा कि सरकार पिछले दो महीनों से काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स की बैठक नहीं बुला पाई है, जो दर्शाता है कि वो कितनी अक्षम है.
स्थानीय निकायों के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायधीशों वाली पीठ ने कहा कि सरकार या तो देश चलाने में सक्षम नहीं है, या वह निर्णय लेने में असमर्थ है.शीर्ष कोर्ट को सूचित किया गया था कि जनगणना के संबंध में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) द्वारा निर्णय नहीं लिया गया है.
इस पर न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा और न्यायमूर्ति सरदार तारिक की पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि CCI की बैठक दो महीने में क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने सवाल किया कि क्या जनगणना के परिणाम जारी करना सरकार की प्राथमिकता नहीं है?
अदालत ने कहा कि सरकार और उसके सहयोगियों ने तीन प्रांतों में शासन किया है और अभी तक सीसीआई द्वारा एक भी निर्णय नहीं लिया जा सका है. न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा ने इमरान खान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि या तो सरकार देश चलाने में सक्षम नहीं है या वह निर्णय लेने में असमर्थ है.
उन्होंने कोर्ट के आदेश के बावजूद सीसीआई की बैठक को स्थगित करने को लेकर नाराजगी जताते हुए इसे संवैधानिक संस्था का अपमान करार दिया. जस्टिस ईसा ने सीसीआई रिपोर्ट को गोपनीय रखने पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि क्या अच्छे कार्यों को गुप्त रखा जाना चाहिए? इससे संदेह पैदा होता है.
अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा लोगों को पता होना चाहिए कि प्रांत क्या कर रहे हैं और केंद्र क्या कर रहा है’. कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल द्वारा नए सिरे से परिसीमन के अध्यादेश की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की.
अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है और एक व्यक्ति के अनुरोध पर पूरी पंजाब विधानसभा को दरकिनार कर दिया गया. इस बीच, अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) ने अदालत को बताया कि सीसीआई की बैठक 24 मार्च को होगी.