पाकिस्तान लौटकर प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ना चाहती हूं: मलाला

शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली मलाला यूसुफजई (20) हमेशा के लिए पाकिस्तान लौटकर प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ना चाहती हैं। उन्होंने कहा पढ़ाई पूरी करने के बाद देश में आकर यही करने (चुनाव लड़ने) की मेरी योजना है। यही मेरा देश है और बाकी पाकिस्तानियों की तरह मुझे भी ऐसा करने का पूरा अधिकार है।

बता दें कि मलाला करीब 6 साल बाद गुरुवार को पाकिस्तान लौटी हैं। वे 2 अप्रैल तक यहां रहेंगी। बता दें कि मलाला को 2012 में तालिबानी आतंकियों ने लड़कियों के शिक्षा के अधिकार की पैरवी करने पर सिर में गोली मार दी थी।

पाक मीडिया को दिए इंटरव्यू में मलाला ने कहा लंबे समय से कट्‌टरपंथियों से लड़ रहा पाकिस्तान बेहतर हो रहा है। आज और 2012 के पकिस्तान में काफी अंतर आ चुका है। लोग सक्रिय हुए हैं और एकजुट होकर मजबूत पाकिस्तान बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

बता दें कि मलाला शनिवार को अपने परिवार के साथ खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में स्थित अपने घर मिंगोरा गई थीं। उन्हें वहां कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हेलिकॉप्टर से लाया गया था।मलाला ने 11 साल उम्र से गुल मकई नाम की अपनी डायरी के जरिए तालिबान के खिलाफ अभियान शुरू किया था।

तालिबान के स्कूल न जाने के फरमान के बावजूद लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का अभियान जारी रखा।आतंकियों ने अक्टूबर 2012 में स्‍कूल से लौटते वक्‍त मलाला पर हमला किया। मलाला को सिर में गोली मारी गई। बाद में उन्हें इलाज के लिए पेशावर से लंदन ले जाया गया। वे अब पूरी तरह ठीक हैं।

उन्होंने लंदन से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर ली है।पाकिस्तानी तालिबान लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ है। पिछले कुछ सालों में उसने इलाके के कई स्कूलों को निशाना बनाया है।जिस समय तालिबान ने मलाला को गोली मारी थी, उस समय कहा था कि मलाला पख़्तून इलाके में वेस्टर्न कल्चर को बढ़ावा दे रही हैं।

हमले के बाद ठीक होने पर मलाला ने पिता जियाउद्दीन के साथ मिलकर मलाला फंड नाम की एक चैरिटी संस्था बनाई। इसका मकसद दुनिया की हर लड़की के लिए शिक्षा की व्यवस्था करना है। पाकिस्तान यात्रा में मलाला फंड के सदस्य भी उनके साथ आए हैं।

बता दें कि मलाला के जीवन पर 2009 में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। इसके बाद वे दुनिया की नजर में आ गई थीं।मलाला को उनकी बहादुरी के लिए दुनियाभर में सम्मानित किया गया। 2014 में उन्हें भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

Check Also

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद में हकीकी आजादी मार्च के लिए रहना होगा तैयार : इमरान खान

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद में हकीकी आजादी मार्च …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *