पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने मंगलवार को पाकिस्तान सरकार के इस्लामाबाद की ओर लंबे मार्च को रोकने के फैसले के बावजूद पार्टी के आजादी मार्च को जारी रखने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक खान ने पेशावर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह बुधवार को पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़े जुलूस का नेतृत्व करेंगे।
पीटीआई अध्यक्ष का भाषण पीटीआई के सदस्यों और नेताओं के खिलाफ देशव्यापी पुलिस कार्रवाई के बाद आया है। एक छापे के दौरान एक पुलिसकर्मी की भी जान चली गई, जिसके बाद सरकार ने कहा कि वह बुधवार को पीटीआई को लंबे मार्च के साथ आगे नहीं बढ़ने देगी।
खान ने पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह शरीफ परिवार को वही रणनीति अपनाते हुए देख रहे हैं जैसी 1985 से सैन्य तानाशाहों ने अपनाई थी।उन्होंने कहा सत्ता छोड़ते ही उन्हें लोकतंत्र की याद आती है।
रिपोर्ट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी और जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के इस्लामाबाद की ओर मार्च करने पर पीटीआई सरकार ने कोई गिरफ्तारी की थी।
पीटीआई नेता ने पाकिस्तान की न्यायपालिका का आह्वान करते हुए कहा कि अगर अदालतों ने देश में जो कुछ हो रहा है, उसे अनुमति दी तो अदालतों की प्रतिष्ठा धूमिल होगी और इसकी चुप्पी साबित करेगी कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है।
न्यूज के अनुसार इमरान ने कहा हम प्रत्येक अधिकारी और नौकरशाह के नाम नोट कर रहे हैं। नौकरशाही को हमारा संदेश है कि अगर वे अवैध आदेशों का पालन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीटीआई अध्यक्ष ने अपने समर्थकों से कहा कि वे ‘डर की जंजीरों को तोड़ें’ और उदाहरण के तौर पर देखें कि अफगानों ने विदेशी शक्तियों से कैसे लड़ाई की।खान ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को जेल में नहीं डाल सकती, जो उनके समर्थन में इस्लामाबाद जाने को तैयार हैं।