PAK के पूर्व डिप्लोमैट हुसैन हक्कानी पर पाकिस्तान में केस दर्ज

पाकिस्तान के एम्बेसडर रहे हुसैन हक्कानी पर पाक सरकार और मिलिट्री के खिलाफ ‘हेट स्पीच’ देने के लिए केस दर्ज किया गया है। हक्कानी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी किताबों और बयानों से दुनिया के सामने पाक की इमेज खराब की। उनपर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहत डिस्ट्रिक्ट में केस दर्ज कराया गया है।

बता दें कि कुछ ही दिन पहले हक्कानी ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए PAK को उनसे सीख लेने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि मोदी ने पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधाने की बहुत कोशिश की लेकिन पठानकोट हमलों के बाद उनकी सारी कोशिशें खराब हो गईं। हक्कानी इससे पहले भी पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ लड़ाई में नाटक का आरोप लगा चुके हैं।

हक्कानी ने सोमवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा अगर किसी शख्स की किताबें या लेख आर्मी के खिलाफ जंग छेड़ सकती हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितनी कमजोर होगी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ये सिर्फ पाकिस्तान में प्रोपेगेंडा वॉर चलाने के लिए किया गया है।

मेरे एम्बेसडर रहने के दौरान कभी भी गैरकानूनी तरीके से वीजा नहीं जारी किया गया। इंटेलिजेंस की नाकामी और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मिलने के लिए एक एम्बेसडर को जिम्मेदार ठहराया जाना दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी शर्मिंदगी छिपाना चाहता है। 

यूएन की जांच टीम के पाकिस्तान आने पर उन्होंने कहा ये पाकिस्तान के हित में होगा कि वो यूएन की मॉनिटरिंग टीम को हाफिज सईद तक पूरी पहुंच दें। सच्चाई ये है कि पाक हाफिज सईद को बाकी दुनिया से छिपाना चाहता है और यही चीज दुनिया के शक को और बढ़ाती है।

हक्कानी पर पाकिस्तान के खिलाफ गलत बयानबाजी को लेकर आरोप लगाए गए हैं। FIR दर्ज कराने वाले एक शख्स ने उन पर एम्बेस्डर रहने के दौरान CIA (अमेरिका) और RAW (भारत) एजेंट्स को वीजा जारी करने का आरोप लगाया।उन पर पाकिस्तान पीनल कोड के तहत देश के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंकी साजिश बनाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

पुलिस अफसरों के मुताबिक, केस के दौरान हक्कानी को खुद को सरेंडर करना होगा वरना उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा।बता दें कि हक्कानी 2008 से 2011 तक अमेरिका में पाकिस्तान के एम्बेसडर रहे थे। हालांकि, एक विवाद के बाद उन्हें हटा दिया गया था।

वॉशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख में उन्होंने ओसामा को मारने में अमेरिकी सरकार की मदद करने की बात कही थी। इस ऑपरेशन की खबर पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई (ISI) को भी नहीं दी गई थी, जिसकी वजह से उनकी PAK की संसद में भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।

हक्कानी 1992 से 1993 में श्रीलंका में एम्बेसडर रहे थे। वो कई बार पाकिस्तान सरकार और आर्मी पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते रहे हैं।हाल ही में उन्होंने पाकिस्तानी आर्मी पर बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पाक आर्मी अफगानिस्तान में आग लगा रही है और उसे बुझाने का नाटक भी कर रही है।वहीं अमेरिका की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान छोड़ते वक्त वो देश को मजबूत सरकार और सेना दे कर जाएंगे।

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