पनामा पेपर्स लीक स्कैंडल में नवाज शरीफ की फैमिली पर लगे आरोपों की जांच करने वाली JIT (ज्वाइंट इन्वेस्टीगेशन टीम) ने पाक पीएम के खिलाफ दर्ज 15 पुराने केस फिर से खोलने की सिफारिश की है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। जेआईटी ने शरीफ फैमिली की लंदन में प्रॉपर्टीज की जांच की थी।
पाक के डॉन न्यूजपेपर की रिपोर्ट के मुताबिक जेआईटी ने शरीफ के खिलाफ जिन 15 पुराने केसों को फिर से खोलने की सिफारिश की है, उनमें से 5 केस में लाहौर हाईकोर्ट फैसला दे चुकी है। जबकि 8 केस में जांच और 2 केस में पूछताछ अभी जारी है।इन 15 में से 3 केस पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के 1994 से 2011 के टेन्योर के दौरान जबकि 12 केस परवेज मुशर्रफ के टेन्योर के दौरान दर्ज किए गए थे।
मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैन्य तख्तापलट के जरिये शरीफ सरकार को हटा दिया था।पनामा पेपर्स लीक स्कैंडल में शरीफ फैमिली पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 में पीएम के तौर पर अपने दूसरे टेन्योर में शरीफ की फैमिली ने लंदन में प्रॉपर्टीज खरीदी थीं। इनका खुलासा तब हुआ, जब 2016 में पनामा पेपर्स लीक में शरीफ का नाम सामने आया।
यह आरोप है कि शरीफ के बच्चों द्वारा खरीदी गई ये प्रॉपर्टीज ऑफशोर कंपनियों के जरिये मैनेज की गईं।पनामा मामले की जांच कर रही 6 मेबर्स वाली जेआईटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। इसमें कहा गया है कि शरीफ और उनके बच्चों की लाइफस्टाइल उनकी आय के ज्ञात स्त्रोतों से कहीं ज्यादा थी। जेआईटी ने रिपोर्ट में इनके खिलाफ करप्शन का नया केस दायर करने की सिफारिश की है।
हालांकि शरीफ ने आरोपों को आधारहीन बताते हुए जेआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी है।शरीफ फैमिली के लंदन के 4 अपार्टमेंट से जुड़ा मामला उन 8 मामलों में शामिल है जिनकी नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 1999 में जांच शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को दिए अपने फैसले में जेआईटी से कहा था कि वह लंदन फ्लैट्स की खरीद में की गई पैसों की हेराफेरी की जांच करे।
कोर्ट ने शरीफ परिवार की गल्फ स्टील मिल, कतारी लेटर, ऑफशोर कंपनियों और अन्य मामलों में 12 सवाल भी पूछे थे।पिछले साल ब्रिटेन से लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स बताते हैं कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया। इनमें नवाज शरीफ का भी नाम शामिल है। इन सेलिब्रिटीज ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया।
लीक हुए डॉक्युमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं।सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता।पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।