पाकिस्तान नौसेना का एक युद्धपोत जुलाई की शुरुआत में गुजरात के तट से समुद्री सीमा रेखा को पार कर भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश कर गया था।इसे एक भारतीय तटरक्षक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान ने पीछे हटने के लिए मजबूर किया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जुलाई के पहले पखवाड़े में मानसून के मौसम के चरम पर यह समुद्र के ऊंचे इलाकों में हुआ।
पाकिस्तान नौसेना का जहाज आलमगीर दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा रेखा को पार करते हुए अपनी तरफ से भारतीय जलक्षेत्र में चला गया था।भारतीय जल में प्रवेश करने के कुछ समय बाद पहली बार भारतीय तट रक्षक डोर्नियर विमान द्वारा इसका पता लगाया गया था। समुद्री निगरानी के लिए आसपास के एक हवाईअड्डे से उड़ान भरने के बाद विमान हवा में था।
भारतीय एजेंसियां समुद्री सीमा कानूनों के बारे में बहुत सख्त हैं और यहां तक कि अपने स्वयं के मछुआरों को सीमा के पांच समुद्री मीलके भीतर मछली पकड़ने का अभियान चलाने की अनुमति नहीं देती हैं।डोर्नियर ने अपने कमांड सेंटर को भारतीय जलक्षेत्र में पाकिस्तान के युद्धपोतों की मौजूदगी के बारे में सूचित किया था और इस पर नजररखना जारी रखा था।
सूत्रों के अनुसार, डोर्नियर ने पाकिस्तानी युद्धपोत को उसके स्थान के बारे में चेतावनी जारी की थी और उसे अपनेक्षेत्र में लौटने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया।आगे कहा गया कि डोर्नियर पीएनएस आलमगीर के ऊपर मंडराता रहा।
इसने अपने इरादे को जानने के लिए अपने रेडियो पर इसकेसाथ संचार स्थापित करने की कोशिश भी की थी, लेकिन जहाजों के कप्तान ने इसे पूरा करने के लिए चुना।भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय वायुसेना किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए गुजरात तट पर नजर रखे हुए हैं। हाल के वर्षो में विशेष रूप से नार्को-आतंकवाद के रूप में पाकिस्तानी गतिविधियां बढ़ी हैं।
भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक वीएस पठानिया ने भी हाल ही में बेड़े की तैयारियों की समीक्षा के लिए पोरबंदर क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने तटीय निगरानी के लिए नए एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर भी शामिल किए। बल के होवरक्राफ्ट भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण संख्या में तैनात हैं और उच्च समुद्र और उथले पानी दोनों में निगरानी करते हैं।