पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए दो महीने से चल रहा प्रचार का दौर मध्यरात्रि को समाप्त हो गया. इसके मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और नेता जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं और घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की आखिरी कोशिशों में लगे रहे.
इसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के बीच 25 जुलाई के चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. हालांकि पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है और सुरक्षा की स्थिति भी तनावपूर्ण बनी हुई है.
पाकिस्तान के कई कट्टर मौलवियों सहित 12,570 से अधिक उम्मीदवार संसद और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनावी मैदान में हैं. नेशनल असेंबली के लिए 3,675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8,895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने कहा है कि नियमों के मुताबिक प्रचार अभियान मध्यरात्रि तक खत्म हो जाना चाहिए ताकि मतदाताओं को सोच-विचार का समय मिले और वह 25 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की तैयारी कर सकें.
इस समय सीमा के बाद कोई भी उम्मीदवार या पार्टी नेता जनसभाओं या नुक्कड़ सभाओं को संबोधित नहीं कर सकेगा और ना ही रैली निकाल सकेगा. चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया भी राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण और प्रकाशन से परहेज करेंगे.
आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. पूर्व के चुनावों के मुकाबले इस बार चुनाव प्रचार को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित कई कद्दावर नेताओं के खिलाफ अदालती मामलों के कारण देश में अनिश्चितता का माहौल है. भ्रष्टाचार निरोधक संगठन राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की कार्रवाई के कारण पीएमएल-एन का चुनाव प्रचार प्रभावित हुआ है.
वहीं संघीय जांच एजेंसी द्वारा पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के खिलाफ धनशोधन के मामले में कार्रवाई के समय पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के बीच 25 जुलाई के चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.
जानकारों का मानना है कि 10 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस प्रांत को जीतने वाले के पास ही केंद्र में सरकार बनाने की चाभी होगी. नेशनल असेंबली की कुल 272 सीटों में से 141 सीटें देश के सबसे सघन आबादी वाले राज्य पंजाब से आती हैं.
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सैयद फारूक हसनत ने भाषा को बताया कि जिस किसी को पंजाब में ज्यादा सीटें मिलेंगी वह केंद्र में सरकार बनाएगा.2013 में हुए चुनावों में पीएमएल-एन को पंजाब में भारी जीत मिली थी लेकिन इस बार पीएमएल-एन और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच कड़ी टक्कर है.
हसनत ने कहा कि मेरा मानना है कि पंजाब में पीटीआई अभी पीएमएल-एन से आगे है, कितना आगे है यह 25 जुलाई को पता चलेगा. पाकिस्तान में पुख्ता गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीटीआई को कम से कम 110 नेशनल असेंबली सीटों की जरूरत है.सरकार बनाने के लिये किसी पार्टी को करीब 140 सीटों की जरूरत है.
पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को आज पाकिस्तानी सितारों समेत पूर्व क्रिकेटरों का समर्थन मिला. 65 वर्षीय नेता ने हाल में कहा था कि अगर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सत्ता में आती है तो उनकी पार्टी ने देश में गंभीर आर्थिक एवं प्रशासनिक चिंताओं से निपटने के लिये 100 दिवसीय योजना बनाई है.
खान एक ऐसे मंच को चला रहे हैं, जो अधिक से अधिक रोजगार पैदा करने, गरीबों के लिये घर बनाने, जबरदस्त बिजली की कटौती को कम करने, शिक्षा एवं सेहत में सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आह्वान करता है.