पाकिस्तान ने अमेरिका पर ड्रोन हमले के लिए निशाना साधा जो उसने उसकी धरती पर अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर को मारने के लिए किया। पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया। अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के काफी भीतर घुसकर किये गए एक दुर्लभ ड्रोन हमले में मंसूर मारा गया। मंसूर और अन्य आतंकवादी को शनिवार को अमेरिकी विशेष अभियान बलों की ओर से संचालित मानवरहित ड्रोन विमानों से तब निशाना बनाया गया, जब वे दोनों अफगानिस्तान सीमा के पास स्थित पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के अहमद वाल नगर के पास एक सुदूर इलाके में किसी वाहन में सवार होकर जा रहे थे।
इस खबर पर प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग कार्यालय ने जारी एक बयान में कहा कि अमेरिका ने यह सूचना साझा की थी कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र के पास पाकिस्तान में एक ड्रोन हमला किया गया है जिसमें कथित तौर पर अफगान तालिबान नेता मुल्ला अख्तर मंसूर को निशाना बनाया गया।
इसमें कहा गया, ‘ड्रोन हमले के बाद यह सूचना प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख से साझा की गई। आगे की जांच की जा रही है लेकिन पाकिस्तान एक बार फिर यह कहना चाहता है कि ड्रोन हमला उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे अमेरिका के साथ पूर्व में भी उठाया गया है।’ विदेश कार्यालय ने कहा कि अभी तक मिली सूचना के अनुसार वली मोहम्मद पुत्र शाह मुहम्मद, निवासी किल्ला अब्दुल्लाह 21 मई को तफ्तान सीमा से पाकिस्तान में घुसा। उसके पास एक पाकिस्तानी पासपोर्ट और एक पहचान पत्र था।
उन्होंने कहा कि उसके पासपोर्ट पर वैध ईरानी वीजा था। वह एक वाहन में सफर कर रहा था जिसे तफ्तान में एक परिवहन कंपनी से किराये पर लिया गया था। यह वाहन पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से लगे कोचाकी में नष्ट मिला। चालक की पहचान मोहम्मद आजम के तौर पर हुई है। इसमें कहा गया, ‘दूसरे शव की पहचान मौके पर मिले सबूत और अन्य संबंधित सूचना के आधार की जा रही है।’
इसमें कहा गया, ‘यह उल्लेखनीय है कि 18 मई को आयोजित ‘क्वाड्रिलेट्रल कोआर्डिनेशन ग्रुप’ की पांचवीं बैठक में दोहराया गया था कि अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति के लिए बातचीत के जरिये एक राजनीतिक हल ही व्यावहारिक विकल्प है। उसमें तालिबान का आह्वान किया गया था कि वह हिंसा छोड़कर शांति वार्ता में शामिल हो।