पाकिस्तान में विपक्ष ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद एक अपना सत्र बुलाया और प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को करीब 200 मतों के साथ पारित कर उसके सफल होने की घोषणा कर दी।एक खबर के अनुसार मतदान के परिणाम की घोषणा पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता एवं नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक ने की, जिन्होंने असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर द्वारा घोषित अध्यक्षों के पैनल के सदस्य के रूप में बैठक की अध्यक्षता की थी।
खबर के अनुसार विपक्ष ने कार्यवाही को कानूनी एवं वैध घोषित किया, हालांकि यह सचिवालय के कर्मचारियों के समर्थन के बिना और यहां तक कि ध्वनि उपकरण के बिना भी आयोजित किया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को 197 मतों के साथ सफल घोषित किया।विपक्ष के नेशनल असेंबली सत्र के दौरान सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के पूर्व सहयोगियों के सदस्यों और पीटीआई के 22 असंतुष्ट सांसदों ने उस प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया, जिसे औपचारिक रूप से विपक्ष के नेता एवं पीएमएल के अध्यक्ष एन शहबाज शरीफ द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
हैरानी की बात यह रही कि पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन के बेटे चौधरी सालिक हुसैन ने भी विपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन किया।यह कदम चौधरी परिवार में कथित दरार की पुष्टि करता है। सचिवालय के कर्मचारियों की अनुपस्थिति में सादिक के मतदान शुरू होने की घोषणा करने के बाद मुर्तजा जावेद अब्बासी उन सदस्यों के नाम दर्ज करते दिखे, जो वोट देने पहुंचे थे।
अब्बासी ने कहा कि उपाध्यक्ष कासिम सूरी को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा किए बिना बैठक का सत्रावसान करने का अधिकार नहीं है।सादिक ने अध्यक्ष की कुर्सी संभाली और कार्यवाही का संचालन किया।उन्होंने ध्वनि मत से सदस्यों की मंजूरी लेने के बाद उपाध्यक्ष के फैसले को पलट दिया और फिर शहबाज को मतदान के लिए प्रस्ताव को औपचारिक रूप से पेश करने की अनुमति दी और मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे छह अप्रैल तक ‘स्थगित’ कर दिया।