पाकिस्तानी मीडिया ने की मोदी की बढ़ाई और सरीफ की आलोचना

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पाकिस्तानी मीडिया ने माना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका में जबरदस्त पॉपुलैरिटी है। उनका वहां ‘स्टार’ की तरह जोरदार स्वागत हो रहा है। वहीं, पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के पीछे तो कोई नजर ही नहीं आता। एक अखबार ‘द नेशन’ ने अपने एडिटोरियल में लिखा है- नवाज शरीफ आखिर वहां कर क्या रहे हैं? पाकिस्तान को मोदी से सीखना चाहिए जो वक्त की नजाकत को समझ रहे हैं।

एप्पल के टिम कुक, फेसबुक के मार्क जकरबर्ग, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई। वे 4.5 ट्रिलियन डॉलर नेट वर्थ वाले फॉर्च्यून-500 में शामिल में 50 सीईओज़, मीडिया इंडस्ट्रीज़ के 12 और फाइनेंशियल कंपनियों के 8 सीईओज से मुलाकात कर चुके हैं। फेसबुक में टाउनहॉल और गूगल के ऑफिस का उनका दौरा सुर्खियों में रहा। वे बांग्लादेश की पीएम और जॉर्डन के किंग से भी मिल चुके हैं।

मोदी का सैन होसे के एसएपी सेंटर में सोमवार सुबह ही रिसेप्शन हुआ है। इसमें 18 हजार इंडियन-अमेरिकंस मौजूद थे।दूसरी तरफ, नवाज शरीफ की अब तक सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स और टेलिनॉर के सीईओ फ्रेडरिक बैकसास से ही मुलाकात हुई है। इनके अलावा वे यूनाइटेड नेशंस जनरल सेक्रेटरी बान की मून, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल और श्रीलंका के प्रेसिडेंट एम श्रीसेना से ही मिले हैं।

अखबार ने अपने एडिटोरियल में लिखा है, “मोदी तेज दिमाग वाले पॉलिटिशियन हैं। उन्हें अपने सामने वाले पर असर जमाना आता है। मोदी को अमेरिका में किसी स्टार की तरह रिसीव किया गया। मोदी दो दिन सिलिकॉन वैली में रहे। उन्होंने दुनिया की टॉप कंपनियों के सीईओज से मुलाकात की। उन्होंने फेसबुक के ऑफिस में लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। 30 साल बाद कोई भारतीय नेता वेस्ट कोस्ट पहुंचा है। मोदी अब तक 350 बिजनेस लीडर्स के लिए डिनर होस्ट कर चुके हैं। मोदी जिनसे मिले हैं, उनमें गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एडोब सिस्टम्स के सीईओज भी थे, जो भारत से ही हैं। उन्होंने इन लोगों से भारत के डेवलपमेंट में मदद मांगी है।’’

अखबार ने लिखा है, “सब लोग दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच मुकाबला देख रहे हैं। लेकिन नवाज शरीफ के पीछे तो कोई भी नजर नहीं आता। एक तरफ जहां मोदी को स्टार की तरह रिसीव किया जा रहा है। वे इवेंट्स और पार्टीज में शिरकत कर रहे हैं] वहीं हमारे पीएम को यूएन प्लैटफॉर्म के अलावा और कुछ नजर नहीं आता। आखिर नवाज वहां कर क्या रहे हैं? दोनों ही देश ये साफ कर चुके हैं कि अमेरिका में उनके बीच कोई बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तान के पास दुनिया को देने के लिए कुछ नहीं है। पाकिस्तान को मोदी से कुछ सीखना चाहिए। हम आज भी उसी पुराने रास्ते पर चल रहे हैं। मोदी वक्त की नजाकत को बहुत बेहतरीन तरीके से समझते हैं।”

अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान को पश्चिमी देशों के बीच अपनी इमेज सुधारनी चाहिए। अखबार के मुताबिक, “अमेरिका मिलिट्री सेक्टर में भारत की मदद कर रहा है। जल्द ही इस सेक्टर में भी हम पिछड़ जाएंगे। मोदी की कोशिश है कि भारत की पॉलिटिकल और मिलिट्री ताकत इतनी हो कि वह दबाव बना सके। उनके पास तो प्लान है, लेकिन क्या हमारे पास भी कोई प्लान है?”

नवाज शरीफ ने रविवार को यूनाइटेड नेशंस के जनरल सेक्रेटरी बान की मून के सामने बॉर्डर पर भारत द्वारा सीजफायर तोड़ने और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की कथित ज्यादतियों का मुद्दा उठाया पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नवाज शरीफ ने मून के सामने बॉर्डर और वर्किंग बाउंडरी पर सीजफायर और इंडिया के जम्मू-कश्मीर में इंडियन आर्मी द्वारा ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन करने और ज्यादतियों का मामला उठाया।

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