पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (68) और बेटी मरियम (44) को देर रात रावलपिंडी की अदियाला जेल ले जाया गया। दोनों को वहां तक पहुंचाने के लिए पुलिस की अलग-अलग बख्तरबंद गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। जेल में नियमों के मुताबिक, मजिस्ट्रेट के सामने दोनों की मेडिकल जांच की गई।
दोनों को जेल में कब तक शिफ्ट किया जाएगा इसकी जानकारी अभी साफ नहीं हो पाई है। इसी बीच, इस्लामाबाद के चीफ कमिश्नर ने सिहाला पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के रेस्ट हाउस को सब जेल घोषित कर दिया। हालांकि, इसमें सिर्फ मरियम को ही रखा जाएगा।
इससे पहले नवाज और मरियम को शुक्रवार रात लाहौर एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। पासपोर्ट जब्त करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधी संस्था नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) के अफसर दोनों को विशेष विमान से इस्लामाबाद लेकर आए थे।
वहीं, नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने सुरक्षा कारणों के आधार पर नवाज और मरियम को निजी पेशी से छूट के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई। इसके बाद नेशनल अकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने जेल घोषित किए गए सिहाला रेस्ट हाउस में वारंट एग्जीक्यूट करने के लिए मजिस्ट्रेट वसीम अहमद को नियुक्त किया।
अब नवाज और मरियम को कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा।नवाज और मरियम का स्वागत करने के लिए पीएमएल-एन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए। समर्थकों ने एयरपोर्ट और शहर में कई जगह रास्ते जाम कर दिए थे।
फ्लाइट लैंड होने से पहले कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच लाहौर में नवाज के समर्थक उग्र हो गए और पत्थरबाजी की। जिस पर पुलिस ने नवाज समर्थकों को हिरासत में लिया। नवाज के भाई शाहबाज शरीफ ने भी एयरपोर्ट पर रैली की।
हालात काबू रखने के लिए एयरपोर्ट के बाहर 2000 रेंजर्स तैनात रहे। शहर में भी 10 हजार जवान तैनात रहे। मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं, सरकारी टीवी का प्रसारण भी बंद रहा।लंदन से अबुधाबी की तरफ जाते वक्त नवाज ने एक वीडियो मैसेज में कहा जो मेरे बस में है और जो मेरे बस में था वो मैंने कर दिया है।
मुझे 10 साल की सजा हुई है, लेकिन मैं ये कुर्बानी पाक की नस्लों के लिए दे रहा हूं। मेरी लोगों से अपील है कि वे मेरे साथ हाथ से हाथ मिलाकर चलें और मुल्क की तकदीर बदलें। नवाज ने लाहौर आने से पहले कहा- मैं आवाम से कहना चाहता हूं कि वो पाकिस्तान क्रांतिकारी बदलाव के लिए अन्याय और अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएं।
साथ ही उन्होंने मीडिया से सच दिखाने और किसी के दवाब में नहीं आने की अपील की।शुक्रवार को नवाज और मरियम को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर उनके दोस्तों और परिजन ने विदाई दी। मरियम ने भी ट्वीट किया मैंने अपने बच्चों से मुश्किल हालात का मजबूती से सामना करने के लिए कहा है, लेकिन बच्चे तो बच्चे होते हैं।
अलविदा कहना मुश्किल होता है, फिर वह चाहे बच्चों से ही क्यों न कहना हो। नवाज के बेटे हुसैन ने बताया कि उनकी मां कुलसुम ने एक महीने बाद आंख खोली। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बता सकता। उन्हें दुआओं की जरूरत है। कुलसुम नवाज का लंदन के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।