रमजान का महीना शुरू होने से महज दो दिन पहले पाकिस्तान की जेलों में 11 दोषियों को फांसी दे दी गयी.पवित्र रमजान के महीने में फांसी देने पर अस्थायी रोक रहती है.लाहौर की कोट लखपत जेल में एक कैदी केा फांसी पर चढ़ाया गया. उसे पुरानी रंजिश को लेकर 2014 में एक व्यक्ति की हत्या करने को लेकर मौत की सजा सुनायी गयी थी. रावलपिंडी की आदियाला जेल में 1990 में हत्या के दोषी तीन कैदियों को फांसी दे दी गयी.
फैसलाबाद की सेंट्रल जेल में दो दोषियों को जबकि गुजरावाला सेंट्रल जेल में एक कैदी को फांसी दे दी गया. सियालकोट जेल में एक कैदी को जबकि बहावलपुर जेल में दो कैदियों को फांसी पर चढ़ा दिया गया.झेलम और डेरा गाजी खान जेलों में एक एक हत्यारे को फांसी दे दी गयी. उन्होंने अपने रिश्तदारों को मार डाला था.संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वाच तथा कई स्थानीय संगठनों ने सरकार से फांसी पर रोक लगाने की मांग की है.