अमेरिका ने पाकिस्तान के कबायली इलाके में ड्रोन से फिर हमले किए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इन हमलों में 31 लोग मारे गए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी प्रेसिडेंट बनने के बाद पाकिस्तान में अमेरिकी सेना का यह चौथा ड्रोन हमला था। अमेरिका पाकिस्तान पर लगातार ये दबाव बना रहा है कि वो हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सख्त एक्शन ले।
बता दें कि हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में नाटो सेना और इंडियन एम्बेसी पर हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अमेरिका को पाकिस्तान की भी इज्जत करनी चाहिए। पाकिस्तान के टीवी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, अमेरिकी ड्रोन्स ने सोमवार के बाद मंगलवार को भी पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर मौजूद कबायली इलाके में हमले किए।
कुछ खास ठिकानों को निशाना बनाया गया और इनमें 31 लोग मारे गए। 10 लोग घायल हुए हैं।यह इलाका हक्कानी नेटवर्क का गढ़ माना जाता है। अमेरिका कई बार पाकिस्तान से हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और इसके सबूत देने की मांग कर चुका है। जिन इलाकों में हमले हुए वहां काफी दूर से धुआं उठता देखा जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक- ड्रोन से छह मिसाइल दागी गईं।
अमेरिका ने सोमवार को भी इसी इलाके में हमला किया था। उस हमले में 14 लोग मारे गए थे। इनमें से दो तालिबान कमांडर थे। खुर्रम इलाके के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने 26 लोगों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस इलाके में ड्रोन लगातार उड़ान भर रहे हैं।दो दिन में हुए दो हमलों से पाकिस्तान सरकार अमेरिका से नाराज हो गई है।
फॉरेन मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कहा- ऐसे वक्त जबकि हम अफगानिस्तान में अमन बहाली के लिए तालिबान और दूसरे संगठनों से बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका को ये हमले नहीं करने चाहिए।एक सवाल के जवाब में आसिफ ने कहा- अमेरिका को चाहिए कि वो पाकिस्तान की भी इज्जत करे। दोनों देशों के रिश्ते बेहतर बनाने का एक ही तरीका है कि हम एक-दूसरे को सम्मान की नजर से देखें।
डोनाल्ड ट्रम्प के प्रेसिडेंट बनने के बाद पाकिस्तान सरकार दबाव में है। पेंटागन ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान की सरकार और सेना हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के खिलाफ नतीजे देने वाली कार्रवाई नहीं करती है तो फिर अमेरिका के पास इसके विकल्प खुले रहेंगे। डॉन न्यूज के मुताबिक, ट्रम्प के सत्ता संभालने के बाद अमेरिका ने कबायली इलाके में यह चौथा हमला किया है। पाकिस्तान की सेना अमेरिका के इस कदम से खफा बताई जाती है।