रूस और तुर्की समंदर में आमने-सामने हुए

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रूस ने तुर्की की एक बोट पर एजियन सागर में हमला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने वॉरशिप स्मेतलाइवी से बोट पर गोलियां बरसाईं। रूस का दावा है कि उसने ऐसा वॉर्निंग देने के लिए किया। 500 मीटर नजदीक आ पहुंची तुर्की की बोट से टक्कर रोकने के लिए उसे गोलियां चलानी पड़ीं।रूस ने इस घटना पर तुर्की दूतावास को समन भेजा है।रूस की डिफेंस मिनिस्ट्री ने एक रिलीज में कहा कि एजियन सागर में मछली पकड़ने वाली तुर्की की एक बोट ने हमारे जंगी जहाज की वॉर्निंग का कोई जवाब नहीं दिया। 

तुर्की की बोट वॉरशिप से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर थी, जिसके बाद वॉरशिप को गोली चलानी पड़ी। गोली चलाते ही तुर्की की बोट ने रास्ता बदल लिया।तुर्की के एफ-16 फाइटर प्लेन पर 24 नवंबर को रूस के एसयू-24 एयरक्राफ्ट को गिराने का आरोप लगा।तुर्की ने कहा कि रूस ने उसके एयरस्पेस के नियमों का उल्लंघन किया।रूस ने आरोपों को खारिज कर कहा कि एसयू-24 सीरियन एयरस्पेस में था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच टेंशन है।

रूस और तुर्की में सीरिया को लेकर विवाद चल रहा है।तुर्की, अमेरिका और फ्रांस साथ हैं। वहीं, रूस खुद आईएसआईएस पर हमले कर रहा है, लेकिन वह सीरिया के राष्ट्रपति असद का साथ दे रहा है।तुर्की ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोप नकार दिए। लेकिन रूस ने तुर्की पर कई इकोनॉमिक सैंक्शंस लगा दिए। इन सैंक्शंस में इम्पोर्ट और ट्रैवल भी शामिल था।पिछले हफ्ते तुर्की मीडिया ने रशियन सोल्जर की एक वॉरशिप पर रॉकेट लॉन्चर लिए हुए फोटो छापी। इसे लेकर भी दोनों देशों के बीच बहस हुई। तुर्की ने इसे उकसाने वाला कदम करार दिया।

वॉरप्लेन गिराए जाने के बाद रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस का फाइटर प्लेन गिराना पीठ में वार करने जैसा है। यह ‘आतंकवादियों के साथियों’ ने किया है।पुतिन ने कहा कि इस घटना का रूस और तुर्की के रिश्तों पर गंभीर असर पड़ेगा।पिछले दिनों रूस के संसद में अपनी स्पीच में पुतिन ने कहा था- अल्लाह ने फैसला कर लिया है। तुर्की को भुगतना तो पड़ेगा ही।आईएसआईएस के ठिकानों पर हमले के अलावा रूस ने तुर्की से निपटने के लिए कैस्पियन सागर में क्रूजर मिसाइलें भेजी हैं।

अब इस इलाके में मिसाइल क्रूजर की तैनाती होने से तुर्की रशियन एयरफोर्स के खिलाफ आसानी से कार्रवाई नहीं कर पाएगा।अगर तुर्की रशियन एयरफोर्स को रोकने की कोशिश करता है, तो रूस का मिसाइल क्रूजर एक्शन में आएगा। वह रशियन फाइटर प्लेंस को कवर देगा।सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में शामिल जेट प्लेंस को भी इस क्रूजर से सिक्युरिटी कवर मिलेगा।

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