विश्व स्वास्थ्य संगठन की यूरोप शाखा के प्रमुख ने पहली बार ये माना है कि वह अमेरिकी सरकार के टॉप इनफेक्शियस डिजीज एक्सपर्ट्स की इस बात से सहमत हैं कि कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज अतिसंवेदनशील लोगों को संक्रमण से बचाने में सहायता कर सकती है.
डॉ. हंस क्लुगे ने संक्रमण के अधिक प्रसार को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा WHO यूरोप क्षेत्र में शामिल 53 में से 33 देशों में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय में मामलों में 10 प्रतिशत या इससे अधिक की वृद्धि हुई है.
क्लुगे ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची से बात की है और दोनों का मानना है कि टीके की तीसरी खुराक उस तरह की लक्जरी नहीं है जो उस व्यक्ति से छीनी जा रही है जो टीके की पहली खुराक के लिए प्रतीक्षारत है.
क्लुगे ने कहा कि यह सिर्फ अति संवेदनशील लोगों को सुरक्षित रखने के लिए है. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि वे समृद्ध देश जिनके पास अधिक मात्रा में टीके उपलब्ध हैं, उन्हें इन्हें उन देशों के साथ साझा करने चाहिए जहां टीकों की किल्लत है.
आपको बताते चलें कि बीते कुछ महीने से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या दो डोज लगवाने के बाद भी उन्हें तीसरी डोज की जरूरत पड़ सकती है? WHO की इय पैरवी को ही आप अपने सवालों का जवाब मान सकते हैं.