फाइटर जेट गिराए जाने के मामले में रूस और तुर्की के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। सोमवार को पेरिस में क्लाइमेट समिट के दौरान रशियन प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के प्रेसिडेंट तैयप एरदोगान से मिलने की पेशकश ठुकरा दी। पुतिन ने यह भी कहा कि हमारे पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि इस्लामिक स्टेट का ऑयल तुर्की से ही होकर गुजरता है।
24 नवंबर को तुर्की एयरफोर्स ने सीरियाई बॉर्डर पर रशियन फाइटर जेट मार गिराया था। तुर्की का दावा है कि रूसी जेट उसकी एयरस्पेस में घुस आया था।नाटो के किसी सदस्य देश ने 1952 के बाद पहली बार रूसी प्लेन मार गिराया था।फाइटर जेट में दो रूसी पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल ओलेग पेशकोव और कैप्टन कोन्स्टेनटिन मुराख्तिन मौजूद थे।
पेशकोव को सीरिया के विद्रोहियों ने मार डाला था। जबकि दूसरे पायलट मुराख्तिन को रूसी स्पेशल फोर्सेस ने 12 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद बचा लिया।तुर्की ने बीते रविवार कहा कि वह मारे गए पायलट का शव रूस को सौंप देगा, लेकिन इस घटना के लिए माफी नहीं मांगेगा।
तुर्की के प्रेसिडेंट एरदोगान ने कहा था कि वे पुतिन से मिलकर मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे। असल में रूस ने तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। सोमवार को इनका ब्योरा जारी किया गया। इससे तुर्की के टूरिज्म और एग्रीकल्चर को भारी नुकसान होगा।लेकिन तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत देवूतोग्लू ने ब्रसेल्स में नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अपने एयर स्पेस की हिफाजत करना हमारा हक ही नहीं, बल्कि ड्यूटी भी है। तुर्की का कोई प्रेसिडेंट या पीएम इसके लिए माफी नहीं मांगेगा।”
देवूतोग्लू ने कहा, “अगर रूसी बात करना चाहते हैं तो हम तैयार हैं। वे और जानकारी चाहते हैं, तो हम देने को तैयार हैं। वे रिश्ते सामान्य करना चाहते हैं तो हम बात करने को तैयार हैं।”वहीं, नाटो प्रमुख स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, “तुर्की ने जो किया वो उसका हक था। हम रूस से उम्मीद करते हैं कि वो सीरिया में आईएस के खिलाफ अभियान में पॉजिटिव अप्रोच अपनाएगा।”
पेरिस में पुतिन ने कहा, “हमारे पास मौजूद इन्फॉर्मेशन इस बात को कन्फर्म करती है कि इस्लामिक स्टेट का ऑयल तुर्की के इलाके से गुजरता है। हमारे प्लेन को मार गिराने के पीछे मकसद यही था कि वे आईएस के ऑयल को बचाना चाहते थे। हमारे प्लेन को गिराकर तुर्की ने बहुत बड़ी गलती की है। क्लाइमेट समिट में हिस्सा लेने आए 150 में से ज्यादातर देशों के लीडरों ने कहा कि तुर्की का कदम गैरजरूरी था।”
रूस और तुर्की में सीरिया में कार्रवाई को लेकर विवाद चल रहा है।तुर्की अमेरिका और फ्रांस साथ हैं। वहीं, रूस खुद आईएसआईएस पर हमले कर रहा है और सीरिया के राष्ट्रपति असद का साथ दे रहा है।
जेट की सिक्युरिटी के लिए रूस ने रवाना किया मिसाइल क्रूजरदूसरी ओर, अपना फाइटर जेट गिराए जाने से बौखलाए रूस ने एक मिसाइल क्रूजर सीरिया के कोस्टर एरिया में रवाना कर दिया।
ऐसा इसलिए किया गया, ताकि तुर्की उसके फाइटर प्लेनों को आसानी से निशाना न बना सके। रूस ने आतंकियों के खिलाफ चल रहे मिशन में तुर्की की मदद भी रोक दी है। सीरिया में रशियन एयरबेस की सिक्युरिटी बढ़ाई गई है। रूस ने S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी सीरिया के खेमिम एयरबेस पर भेजने का फैसला किया है।