अफ्रीकी देशों में इदाई तूफान से मरने वालों की तादाद 10 दिनों में 750 तक पहुंच चुकी है। मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे और मालावी में बिजली और पानी की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हैजा-मलेरिया जैसी बीमारियां अब हमारे सामने नई चुनौती हैं।
मोजाम्बिक में 446, जिम्बाब्वे में 259 और मालावी में 56 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मोजाम्बिक के पर्यावरण मंत्री सेल्सो कोरेया ने कहा कि मौतों का आंकड़ा शुरुआती है। जलस्तर घटेगा तो और शव बरामद होंगे। तब यह आंकड़ा 1000 तक पहुंच सकता है।
सेल्सो ने बताया कि अभी 1.10 लाख लोग कैंपों में रह रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का काम धीमा पड़ा है क्योंकि राहतकर्मी संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने के उपाय कर रहे हैं। हैजा और मलेरिया फैल रहा है। इसे रोक पाने में मुश्किलें आ रही हैं।
मोजाम्बिक के बैरा और डोंडो शहरों में पानी की व्यवस्था बहाल हो गई है और लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराया जा रहा है। बैरा के इलाकों और कुछ दूसरी जगहों पर रेलवे लाइनें दोबारा खोली गई हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में सड़क व्यवस्था में भी सुधार हुआ है। इसके चलते दवाएं और दूसरी जरूरी चीजें प्रभावित लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। सेल्सों ने कहा कि हमारा फोकस अभी लोगों की जान बचाने पर है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार अभियान के डिप्टी डायरेक्टर रोड्स स्टैम्पा ने कहा- दो बड़े फील्ड हॉस्पिटल और वाॅटर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगातार काम कर रहे हैं। ड्रोन से भी प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है। प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
स्टैम्पा ने बताया कि यह आपदा असाधारण है। ये केवल बाढ़ की वजह से नहीं है। पहले हुई बारिश की वजह से भी यहां समस्याएं थीं। ऐसे हालात में कोई भी सरकार अकेले सबकुछ ठीक नहीं कर सकती।