जर्मनी में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन तैयार कर ली गई है। इस ट्रेन से जहरीले धुएं की जगह सिर्फ भाप निकलेगी जिससे Zero Emission होगा। यानी ये ट्रेन वातावरण को प्रदूषित नहीं करेगी।जर्मनी के लोग अगले साल से Hydrogen Train में सफर कर पाएंगे। इसे Hydrail नाम दिया गया है। Hydrail ना सिर्फ एक Eco Friendly ट्रेन होगी बल्कि ये बेहद शांत भी होगी।
जर्मनी की सरकार चाहती है कि वो धीरे धीरे जर्मन रेलवे में इस्तेमाल किए जाने वाले 4 हज़ार डीज़ल Engines को Hydrogen Engines से बदल दें।इस ट्रेन में 94 किलो की क्षमता वाला एक Hydrogen Fuel Tank लगाया गया है। जो एक बार में 800 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है। इस ट्रेन में एक बार में 300 यात्री सफर कर पाएंगे। ये ट्रेन Eco Friendly तो है.लेकिन इसका Pickup कमज़ोर होगा।
यानी ये ट्रेन Slow होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। ये ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है।आपको बता दें कि अभी भारत में ज्य़ादातर ट्रेनें 50 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल पाती हैं।भारतीय रेल हर साल 278 करोड़ लीटर से ज्यादा डीज़ल का इस्तेमाल करती है। जबकि बिजली से चलने वाले Rail इंजन 1800 करोड़ Unit बिजली खर्च करते हैं।
वैसे Electric Rail Engines को डीज़ल Engines के मुकाबले ज़्यादा स्वच्छ माना जाता है।Indian Maritime University की एक रिपोर्ट के मुताबिक Carbon Emission में Electric Engines की ज़्यादा बड़ी हिस्सेदारी है। क्योंकि जो बिजली Electric Locomotives को चलाने के लिए मिलती है.उसे पैदा करने में ज़्यादा Carbon Emission होता है।
आपको बता दें कि जर्मनी की तरह भारत में भी रेलवे करीब 4 हजार डीज़ल Engines का इस्तेमाल कर रहा है।भारतीय रेलवे ऊर्जा पर कुल खर्च का 80 फीसदी हिस्सा बिजली और डीज़ल पर ही खर्च करना पड़ता है।यानी अगर भारत में भी Hydrogen से चलने वाली Trains को लेकर काम शुरू कर दिया जाए। तो ये ना सिर्फ पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में एक अच्छा कदम होगा बल्कि डीज़ल और बिजली पर रेलवे को जो भारी रकम खर्च करनी पड़ती है उसमें भी बहुत कमी आएगी।