कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक प्रभावी वैक्सीन तैयार करने की दौड़ में वैश्विक मायने छिपे हैं. वैक्सीन की ये रेस केवल करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य से ही नहीं जुड़ी है, बल्कि इसे विकसित करने और बनाने में कामयाबी पाने वाले देशों को मिलने वाला अरबों का संभावित राजस्व भी इससे जुड़ा हुआ है.
वहीं सबसे अहम है कि इसके जरिए किसी भी देश से द्विपक्षीय रिश्तों को भी सुधारा जा सकता है.इसलिए रूस ने अमेरिका मल्टी एजेंसी संस्था ऑपरेशन वार्प स्पीड (ओवीएस) को स्पष्ट रूप से खुलकर पूरा सहयोग देने की पेशकश की है. इस संस्था को अमेरिका ने कोविड-19 वैक्सीन और उपचार तैयार करने में तेजी लाने के लिए बनाया है.
हालांकि अमेरिका रूसी चिकित्सकीय मदद के लिए फिलहाल सकारात्मक नहीं दिख रहा है.व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेट्री कायलेग मैकिनी ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को रूस की वैक्सीन के बारे में बताया गया था. फिर भी उन्होंने कहा कि अमेरिकी वैक्सीन सबसे मुश्किल फेज-3 और उच्च मानदंडों से गुजर रही है.
एक रूसी अधिकारी ने कहा कि रूस को लेकर अमेरिकी पक्ष में अविश्वास की सामान्य भावना है. हालांकि इस रूसी अधिकारी ने ये भी कहा कि रूसी वैक्सीन को अमेरिका में इतनी अधकचरी माना जाता है कि अमेरिका ने उसका काम शुरू होने से पहले भी कभी उसने गंभीरता से नहीं लिया.
अमेरिकी सरकार के स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा ये किसी भी सूरत में नहीं हो सकता है कि अमेरिका इस रूसी वैक्सीन का ट्रायल करे, हमारे लोगों को छोड़ दो.इसके जवाब रूस से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि वाशिंगटन को इस वैक्सीन को ‘अपनाने के विषय में गंभीरता से सोचना’ चाहिए.
रूस की तरफ से आगे कहा गया कि कोरोना के लिए बनी रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V अमेरिकियों की जिंदगियां बचा सकती है.वहीं एक बड़े अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी ने रूसी वैक्सीन को एक जोक बता डाला और कहा कि रूस ने अभी तक तीसरे चरण की टेस्टिंग ही नहीं की है, ऐसे में ना तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और न ही अमेरिका उसे गंभीरता से ले रहा है.
उन्होंने कहा कि हमें पूरा यकीन है कि रूस के ऐसा करने के पीछे एक ही वजह है, वो रणनीतिक परिसम्पत्तियों के आदान-प्रदान में फायदा लेना चाहता है. बता दें कि रूस ने मंगलवार को ऐलान किया था कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है और राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनकी खुद की बेटी को इसकी डोज दी जा चुकी है.
लेकिन अभी तक ट्रायल के चरण अभी तक पूरे नहीं हुए हैं और कई सारे विशेषज्ञ इस दावे को शक की नजर से देख रहे हैं.रूसी अधिकारियों ने कहा कि वो वैक्सीन से जुड़ी सारी सूचनाएं अमेरिका के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं और वो रूसी वैक्सीन को अमेरिका में बनाने के लिए अमेरिकी फार्मा कंपनियों को भी इजाजत दे देंगे.
रूसी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अक्टूबर में शुरू होने वाले रूस के मूलवासियों के लिए वैक्सीन का टीकाकरण शुरू होने से पहले कोरोना वायरस वैक्सीन को धीरे धीरे हाई रिस्क वाले लोगों तक पहुंचाया जाएगा.