रूस में हुए भारी हिमपात के कारण कम से कम एक शख्स की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए. शहर के इतिहास में यह पिछले 60 सालों में हुई सबसे ज्यादा बर्फबारी है. स्थानीय मीडिया आरबीसी के अनुसार, भारी बर्फबारी के चलते 850 फ्लाइट्स को रद्द या स्थगित किया गया है.
आपात स्थिति के मंत्रालय ने पुष्टि की है कि रूसी राजधानी में 2,000 पेड़ रातभर गिर गए. अधिकारियों का कहना है कि इस बर्फबारी ने मॉस्को में वर्ष 1957 में हुए भारी हिमपात का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.मास्को के मेयर सेर्गी सोबयनिन ने एक ट्वीट में कहा एक पेड़ गिरने के बाद उसके इलेक्ट्रिक पावर लाइन पर गिरने के बाद चपेट में आने के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई.
उन्होंने आगे कहा कि ताजा जानकारी के अनुसार, पांच अन्य लोग भी चोटिल हुए हैं. सावधान रहें. सोबयनिन ने यह भी कहा कि गंभीर मौसम के कारण बच्चों को स्कूल जाने की आवश्यकता नहीं है.डिप्टी मेयर पेट्र बिर्युकोव ने कहा कि रूसी राजधानी में रविवार को 22 सेंटीमीटर (8.6 इंच) तक बर्फबारी दर्ज की गई, जोकि मासिक औसत हिमपात के आधे से अधिक है.
सोमवार के अंत तक यह आंकड़ा 47 सेंटीमीटर (18.5 इंच) तक बढ़ जाएगा. मॉस्को के एक जिले में सेना को बर्फ को हटाने के काम में लगाया गया है.उल्लेखनीय है कि रूस भीषण ठंड की चपेट में है. पिछले जनवरी माह में तो यहां आलम ये रहा कि पारा -62 डिग्री तक पहुंच गया. रूस के याकतस्कु प्रांत में ओम्याकॉन गांव में पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा.
इस वजह से वहां लगा डिजिटल थर्मामीटर तक टूट गया. यह तापमान मंगल ग्रह (-60 डिग्री) से भी कम था.इस भीषण ठंड के चलते वहां हालात ऐसे हो गए थे कि जब लोग अपने घरों से बाहर निकले तो उनकी पलक और भौं के बाल तक जम गए. रूस के ओम्याकॉन में सर्दी के मौसम में औसत तापमान -50 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है, लेकिन इस बार तो पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इस जगह करीब 500 लोग रहते हैं.