भारत रूस से न्यूक्लियर सबमरीन खरीदने की कोशिश में है। लेटेस्ट तकनीक वाली न्यूक्लियर सबमरीन को लीज पर लेकर भारत अपने यहां बाकी सबमरीन के लिए टेक्नीक हासिल करना चाहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डील को लेकर रूस अानाकानी कर रहा है। ऐसे में, अपने दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी रूस को मनाने की कोशिश करेंगे।मोदी 23 और 24 दिसंबर को रूस के दौरे पर जाएंगे। लेकिन नई दिल्ली और मॉस्को ने अभी तक मोदी का शेड्यूल जारी नहीं किया है।
मोदी कैस्पियन सी पोर्ट एस्टरकहान जाना चाहते थे। लेकिन खराब मौसम के कारण नहीं जा पाएंगे।एस्टरकहान को 17वीं सेंचुरी में गुजराती व्यापारियों ने डेवलप किया था।इसके अलावा, मोदी मॉस्को के बाहर बने रशियन प्रेसिडेंट के डाचा हाउस को देखने भी नहीं जा सकेंगे।
रूस से क्या चाहता है भारत?दिल्ली और मॉस्को में सीनियर अफसरों के मुताबिक, भारत यासेन क्लास सबमरीन लीज पर लेने की प्लानिंग कर रहा है।यासेन क्लास रूस की सबसे लेटेस्ट न्यूक्लियर सबमरीन है। यह रूसी नेवी का हिस्सा है।
इसके साथ ही भारत रूस में नई बोट बनाने में भी पार्टनरशिप चाहता है।भारत रूस से न्यूक्लियर सबमरीन बनाने की एक्सपर्टीज हासिल करना चाहता है। इसके लिए एनएसए अजीत डोभाल बात कर रहे हैं। फरवरी में मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए में 6 न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन बनाने के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी।हालांकि, रूस अब डील को लेकर क्यों आनाकानी कर रहा है, यह साफ नहीं है।
बात नहीं बनी तो?
अगर किसी कारण से रूस से बात नहीं बनी तो भारत यूएस और फ्रांस से भी सबमरीन की बात कर सकता है।रूस ने यासेन क्लास सबमरीन के बजाय भारत को पुरानी अकुला क्लास सबमरीन लीज पर देने की बात कही है।रूसी अफसरों के मुताबिक, अकुला क्लास सबमरीन को भारत की जरूरतों के हिसाब से मॉडर्नाइज किया जाएगा।इससे पहले चक्र- 2 सबमरीन भी रूस ने लीज पर दी थी। यह इंडियन नेवी में है।