फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात की संभावना को खारिज कर दिया. उनका कहना है कि चीन के साथ इस मुद्दे पर विचार किये बगैर दलाई लामा से मिलना चीन की सरकार के साथ तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है.
अमेरिका के तीन दिवसीय अपने दौरे के अंतिम चरण में जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे तब पेरिस में वह दलाई लामा से मिले थे.मैक्रों ने कहा अब में फ्रांस का राष्ट्रपति हूं. अगर अब मैं उनसे मिलता हूं तो चीन के साथ निश्चित ही तनाव पैदा होने का खतरा होगा.
उन्होंने कहा कि केवल चीन को एक संकेत भेजने भर के लिए बिना किसी पूर्व शर्त के ऐसा करना बेकार और प्रतिकूल असर डालने वाला होगा.वहीं दूसरी ओर फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का कहना है कि फ्रांस 2015 ईरान परमाणु समझौते से बाहर नहीं आएगा और अमेरिकी चिंताओं को दूर करने के लिए व्यापक समझौता करने को लेकर तेहरान पर दबाव बनाएगा.
अमेरिकी संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए मैक्रों ने कहा ईरान की परमाणु गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए, एक ढ़ाचा जेसीपीओए (जॉइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन) मौजूद है. हमने अमेरिका के पहल पर हस्ताक्षर किए थे.
अमेरिका और फ्रांस दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किए. इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि इससे यू हीं पीछा छुड़ा लिया जाए.उन्होंने कहा कि समझौते से भले ही सभी महत्वपूर्ण चिंताओं का समाधान न हो लेकिन इससे कुछ ठोस या अधिक महत्वपूर्ण होने तक हम यूंही इसे नहीं छोड़ सकते.