फ्रांस में दो अलग-अलग जगहों पर आतंकी हमलों में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, दो घंटे से भी ज्यादा तक चली मुठभेड़ में पुलिस ने हमलावर को भी मार गिराया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली घटना शहर के कारकासोन टाउन में हुई, जहां आईएसआईएस से जुड़े एक हमलावर ने पुलिसवाले को गोली मारकर घायल कर दिया।
इसके बाद वो बचते हुए पास ही मौजूद ट्रेबेस इलाके के एक सुपरमार्केट में घुस गया और कई लोगों को बंधक बना लिया। बताया जा रहा है कि हमले में करीब 12 लोग घायल हुए हैं। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, हमलावर के पास बड़ी मात्रा में हथियार में मौजूद थे।
वो एक आतंकी सलाह अब्देस्लाम की रिहाई की मांग कर रहा था। अब्देस्लाम 2015 के पेरिस हमलों का इकलौता जिंदा पकड़ा गया आतंकी है। पेरिस आतंकी हमलों में 130 लोगों की मौत हो गई थी।अधिकारियों ने बताया कि हमलावर ने पुलिसवाले पर करीब 11 बजे हमला किया था।
इसके बाद वो फायरिंग करते हुए करीब 11:15 बजे सुपरमार्केट में घुस गया। हालांकि, पुलिस ने उसको चारों तरफ से घेर लिया और मार गिराया। सुपरमार्केट में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है।फ्रांस सीरिया और इराक में अमेरिकी फौज का साथ देता रहा है। इसलिए आईएसआईएस उसे निशाना बना रहा है।
अमेरिकी अगुआई वाली आर्मी में फ्रांस की फौज भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। फ्रांस सीरिया, इराक ही नहीं, माली और लीबिया में भी अमेरिकी सेना का साथ दे चुका है।पूरे यूरोप में फ्रांस में ही सबसे ज्यादा मुस्लिम रहते हैं। ऐसे में, आईएसआईएस यहां अपना स्लिपर सेल आसानी से एक्टिव कर लेता है।
यूरोपीय सीमाई देशों से इन्हें आसानी से गन, विस्फोटक और हथियारों की सप्लाई हो जाती है। इस्लामी जिहाद के खिलाफ फ्रांस हमेशा अमेरिका के साथ रहा है।फ्रांस के नीस में जुलाई 2016 में आईएआईएस के एक आतंकी ने ट्रक को फ्रेंच नेशनल डे के समारोह के लिए जुटी भीड़ में घुसा दिया था। हमलावर ने लोगों को रौंदने के बाद फायरिंग भी की थी।हमले में 84 लोगों की मौत हो गई है थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।