जर्मनी में दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन लॉन्च की गई। फिलहाल इसे 100 किलोमीटर के फासले पर स्थित दो शहरों के बीच चलाया गया। इसे फ्रांस की रेल ट्रांसपोर्ट कंपनी अल्स्टोम ने बनाया है। ट्रेन में फ्यूल सेल लगाए गए हैं, जो कि हाइड्रोजन को ऑक्सीजन से मिलाकर ऊर्जा पैदा करते हैं।
बदले में सिर्फ पानी और भाप का उत्सर्जन होता है। यह इको-फ्रेंडली ट्रेन एक बार में करीब 1000 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। इसकी अधिकतम रफ्तार 140 किमी/घंटा है।अभी इस तकनीक को डीजल से चलने वाली ट्रेनों से महंगा बताया गया है। लेकिन अल्स्टोम का कहना है कि एक बार खरीदने के बाद इसको चलाने का खर्च लगातार कम होता है।
अल्स्टोम के सीईओ हेनरी लफार्ज ने लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि दुनिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन कमर्शियल सेवाओं में उतर रही है। कई दूसरे देशों में भी इसकी मांग है। इनमें ब्रिटेन, नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, इटली और कनाडा प्रमुख हैं। फ्रांस में भी सरकार ने 2022 तक हाइड्रोजन ट्रेन का नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
हाइड्रोजन ट्रेन के लिए अभी कुक्सहेवन और बर्मवेर्दे शहर में ही रीफ्यूलिंग की व्यवस्था की गई है। ईंधन डालने के लिए स्टेशन में 40 फीट ऊंचा एक स्टील कंटेनर लगाया गया है, जिससे ट्रेन में हाइड्रोजन को पाइप के जरिए पहुंचाया जाएगा। अगले दो साल में ईधन की आपूर्ति के लिए जर्मनी में एक हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा।