यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कीव में मुलाकात कर सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।इस दौरान खासतौर पर यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैन्य निर्माण के मुद्दे पर बातचीत हुई।रिपोर्ट के अनुसार अपनी बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान में जेलेंस्की और जॉनसन ने चेतावनी दी कि यूक्रेन में किसी भी तरह की रूसी घुसपैठ एक बड़ी रणनीतिक गलती होगी और इसका खामियाजा भुगतना होगा।
नेताओं ने कहा कि यूक्रेन और ब्रिटेन यूक्रेन की सुरक्षा और उसकी रक्षा करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने यूक्रेन की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और ग्रीन ट्रांसिशन की दिशा में इसके प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
वार्ता के बाद एक ब्रीफिंग में, जेलेंस्की ने कहा कि हालांकि वह मिन्स्क समझौतों के सभी प्रावधानों का समर्थन नहीं करते हैं और यह एकमात्र प्रारूप है, जो काम करता है।जेलेंस्की ने इस दौरान हर हाल में अपने देश की रक्षा एवं सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता जताई।उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन यूक्रेन के साथ संयुक्त बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं के लिए करीब 2 अरब ब्रिटिश पाउंड (करीब 2.7 अरब डॉलर) आवंटित करेगा।
अपने हिस्से के लिए, जॉनसन ने घोषणा की कि ब्रिटेन रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर निर्भरता को कम करने में मदद करने के लिए यूक्रेन के लिए 8.8 करोड़ पाउंड (लगभग 11.9 करोड़ डॉलर) की नई फंडिंग भी प्रदान करेगा।जॉनसन एक कामकाजी यात्रा के लिए दिन में कीव पहुंचे थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हफ्ते के आखिर में वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत करेंगे।
नवंबर के बाद से कीव और कुछ पश्चिमी देशों ने रूस पर कथित आक्रमण के संभावित इरादे से यूक्रेनी सीमा के पास भारी सैनिकों को इकट्ठा करने का आरोप लगाया है।रूस ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि रूस को अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए अपनी सीमाओं के भीतर सैनिकों को जुटाने का अधिकार है, क्योंकि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन की गतिविधियां रूस की सीमा सुरक्षा के लिए खतरा हैं।