शरणार्थियों की समस्या में निपटने में परेशानियां बढ़ रही हैं। हंगरी में गुरुवार को पुलिस ने आस्ट्रिया सीमा की तरफ जाने वाली शरणार्थियों से भरी एक ट्रेन को रोक दिया। शरणार्थियों को ट्रेन से उतार कर शिविर में ले जाने का प्रयास किया गया लेकिन वे आगे जाने के लिए अड़ गए। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई।दो दिनों तक रोके जाने के बाद शरणार्थियों को आस्ट्रिया सीमा के पास जाने की अनुमति दी गई। इसके बाद सैंकड़ों लोग ट्रेन में सवार हो गए, कई लोग दरवाजे पर लटक गए और बच्चों को खिड़कियों से अंदर किया।
ट्रेन आस्ट्रिया की सीमा के पास जाने की बजाय बिक्सके शहर में रोक दी गई। शरणार्थियों ने शिविर में रखे जाने के डर से ट्रेन से उतरने से मना कर दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस से धक्कामुक्की की। एक व्यक्ति, उसकी पत्नी और बच्चा रेल पटरी पर जाकर लेट गए। आस्ट्रिया और जर्मनी के लिए ट्रेन रोक दी गई थी। शरणार्थी आस्ट्रिया सीमा पर पहुंच कर आगे जर्मनी तक जाने की योजना बना रहे थे। उधर केलेटी स्टेशन पर सैकड़ों लोगों को आस्ट्रिया और जर्मनी जाने के लिए ट्रेन नहीं मिली।
शरणार्थियों की बढ़ती संख्या ने यूरोपीय संघ की शरणार्थी व्यवस्था को टूटने के कगार पर ला दिया है। इसके चलते यूरोपीय संघ के 28 देशों में मतभेद उभर आया है और दक्षिणपंथी लोकअधिकारवादियों के उदय की संभावना बढ़ गई है। यूरोप के प्रमुख देशों ने शरणार्थियों को लेकर परस्परविरोधी रुख अपनाया है। जर्मनी की इस साल आठ लाख शरणार्थियों को रखने की योजना है, तो ब्रिटेन के केवल सीरियाइयों को आने की अनुमति दी और वहां केवल 216 शरणार्थी आए।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने यहां तक कह दिया कि हमारे अधिक लोगों को शरण देने से समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा।हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबैन यूरोपीय संघ के नेता के साथ बातचीत के लिए ब्रुसेल्स गए। उन्होंने कहा कि यूरोपवासी भय के माहौल में हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यूरोपीय नेता हालात पर नियंत्रण करने में सक्षम नहीं हैं।