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फ्रांस में राष्ट्रपति पद के लिए हुई वोटिंग

फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर के लिए रविवार को वोट डाले गए. इस चुनाव के नतीजों को यूरोपीय संघ के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन और मध्यमार्गी एमैनुअल मैक्रोन को सात मई के चुनाव के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन इतनी कांटे की टक्कर है कि नतीजों के बारे में कयास लगाना मुश्किल हो रहा है.

नेशनल फ्रंट के 48 वर्षीय नेता ली पेन को सुरक्षा खतरों के मुद्दे का लाभ मिलने की आशा है. पेरिस के चैंप्स एलिसीस एवेन्यू में एक पुलिसकर्मी पर घातक हमले के बाद उन्होंने अपने प्रचार अभियान में सुरक्षा को अहम रूप से उठाया था. इस हमले की आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने जिम्मेदारी ली थी.

डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस पहुंचाने वाली और ब्रिटेन को ब्रेक्जिट के समर्थन में खड़ा करने वाली लोकप्रियता की लहर पर सवार होना चाह रहे ली पेन फ्रांस को भी यूरोजोन से बाहर लाना चाहते हैं और उन्होंने देश में इसको लेकर जनमतसंग्रह कराने का इरादा रखते हैं.उनकी महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए विश्लेषकों का पूर्वानुमान है कि ली पेन की जीत यूरोपीय संघ के लिए घातक हो सकती है जो ब्रिटेन के बाहर होने से पहले ही कमजोर पड़ चुका है.

मैक्रोन (39) फ्रांस की सबसे युवा राष्ट्रपति बनने की उम्मीद कर रहे हैं और उन्होंने मजबूती से ईयू समर्थित और कारोबार समर्थित मंचों के लिए प्रचार किया है. लगभग 4.7 करोड़ लोग वोट डालने के लिए योग्य हैं और ज्यादातर मतदान केंद्र स्थानीय समयानुसार शाम पांच बजे बंद हो जाएंगे जबकि बड़े शहरों में ये एक घंटे बाद बंद होंगे.

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