लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 13700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी। भारतीय एजेंसियों के वकील ने कोर्ट में कहा कि नीरव भारतीय एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा है।
वह जमानत मिलने पर भाग सकता है। सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास भी कर सकता है। मजिस्ट्रेट ने इसे असामान्य धोखाधड़ी केस कहा। यह भी कहा कि ऐसा मानने के कई आधार हैं कि नीरव सरेंडर नहीं करेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी ने 2017 में वनुआतू की नागरिकता लेने की कोशिश की जिससे यह पता चलता है कि वह भारत से दूर जाने की कोशिश में था। नीरव के मामले में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। नीरव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होगा।
इससे पहले 20 मार्च को भी कोर्ट ने नीरव को बेल देने से इनकार कर दिया था। शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान भारत की ओर से नीरव के खिलाफ और सबूत पेश किए गए। भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे टोबी कैडमैन ने कहा, नीरव ने एक गवाह को फोन करके जान से मारने की धमकी दी थी।
सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा- नीरव मोदी जनवरी 2018 से ब्रिटेन में है। उसे अगस्त से पता है कि उसे प्रत्यर्पित किया जाने वाला है। उसके पास कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। वह खुलेआम ब्रिटेन में रह रहा है और उसने छिपने की कोई कोशिश नहीं की।
नीरव के केस की सुनवाई के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लंदन गई है। सीबीआई-ईडी की टीम में दोनों जांच एजेंसियों के जॉइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी हैं। भारत नीरव के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटा है।
सीबीआई-ईडी की टीम अपने साथ नीरव, उसकी पत्नी एमी, मेहुल चौकसी और अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट्स की कॉपी भी ले गई है। ईडी के अधिकारी नीरव और उसकी कंपनियों की 147 करोड़ रुपए की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी ले गए हैं।
एजेंसी ने 26 फरवरी को यह संपत्ति अटैच की थी।पिछले साल जनवरी में पीएनबी घोटाले का खुलासा हुआ था। इससे पहले ही नीरव विदेश भाग गया था। 9 मार्च को उसका एक वीडियो सामने आया था।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में बताया गया कि नीरव लंदन में रहकर हीरे का बिजनेस कर रहा है। उसके बाद लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। भारत की अपील पर 19 मार्च को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।