चीन ने परेड में शामिल होने के लिए भारत सहित बड़ी संख्या में देशों को आमंत्रित किया है। अधिकारियों ने बताया कि भारत परेड में भाग नहीं लेगा लेकिन विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह अन्य गणमान्य लोगों के साथ परेड देखेंगे और स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल स्टाफ हेडक्वार्टर्स के ऑपरेशन विभाग के उप प्रमुख क्यू रूई ने कहा कि बेलारूस, क्यूबा, मिस्र, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मैक्सिको, मंगोलिया, पाकिस्तान, सर्बिया, ताजिकिस्तान और रूस ने 3 मार्च को आयोजित परेड में मार्च के लिए अपने दल भेज दिये हैं। हर दल में करीब 75 लोग होंगे।
चीन की सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने मंगलवार को खबर दी है कि अफगानिस्तान, कंबोडिया, फिजी, लाओस, वनातू और वेनेजुएला सहित छह देशों ने करीब सात सात लोगों की टीमें भेजी हैं। रूई ने कहा कि फ्रांस और कोरिया सहित 31 देशों ने भी उच्च स्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल भेजने का वादा किया है।
चीन ने राष्ट्रीय दिवस के मौके पर अब तक 14 सैन्य परेडों का आयोजन किया है लेकिन अगले महीने होने वाला परेड द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने की बरसी पर आयोजित की जाने वाली यह पहली परेड होगी। चीन का जोर जापानी सैनिकों की ज्यादतियों को रेखांकित करते हुए जापान पर निशाना साधने का है। कार्यक्रम के राजनीतिक महत्व को देखते हुए कई देशों ने जापान के साथ अपने संबंधों के मद्देजनर सतर्क रूख अपनाया है।
जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने जापान के युद्धकालीन पीड़ितों को लेकर ‘‘गंभीर शोक’’ व्यक्त करते हुए अफसोस जताया है। लेकिन चीन का कहना है कि यह माफी मांगने के समान नहीं है। जापानी सरकार ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि एबे 3 सितंबर को चीन की यात्रा पर जाएंगे।