सीरिया में 7 अप्रैल को बेगुनाह लोगों पर किए गए रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया पर रात मिसाइलों से हमला किया। दमिश्क में छह जगह हमले किए गए। इस कार्रवाई में फ्रांस और ब्रिटेन ने उसका साथ दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यह शैतान की इंसानियत के खिलाफ की गई कार्रवाई का जवाब है।
वहीं, रूस ने इसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान बताया है। उसका कहना है कि वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी जेम्स मैटिस ने बताया कि अब तक हमें नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। आरोप है कि असद सरकार ने पिछले हफ्ते पूर्वी घोउटा के डोउमा में लोगों पर रासायनिक हमले किए थे। ट्रम्प ने पिछले दिनों इस पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
ऐसा आरोप है कि पिछले हफ्ते 7 अप्रैल को सीरिया के पूर्वी घोउटा में विद्रोहियों के कब्जे वाले आखिरी शहर डौमा में हुए संदिग्ध रासायनिक हमले में 80 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे। 1000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। स्थानीय स्वयंसेवी संस्था ह्वाइट हेलमेट्स ने हमले के बाद की तस्वीरें पोस्ट की थीं।
सीरिया की बशर-अल-असद की सरकार ने इन खबरों को झूठा करार दिया था।सीरिया पर इन हमलों के बाद पेंटागन ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि सीरिया में तीन जगहों को निशाना बनाया गया।दमिश्क का साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, ऐसा आरोप है कि यहां केमिकल और बायोलॉजिकल हथियार बनाए जाते हैं।
होम्स, यहां रासायनिक हथियार को रखा जाता है।होम्स के पास का एक ठिकाना, जहां रासायनिक हथियार उपकरण को स्टोर किया जाता है और यह एक अहम कमांड पोस्ट है।डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- यह किसी इंसान की हरकत नहीं हो सकती है। यह एक शैतान की इंसानियत के खिलाफ की गई हरकत है।
आज की रात किए हमले के पीछे हमारा उद्देश्य रसायनिक हथियारों के निर्माण और इस्तेमाल करने वालों को वॉर्निंग देनी। रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल और निर्माण दोनों को रोकना हमारा उद्देश्य है।फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि रसायनिक हथियारों के हमले के बाद लाल लाइन पार की जा चुकी थी।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा कि सीरिया पर हमले के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।रूस ने यूएस, ब्रिटेन और फ्रांस की इस कार्रवाई को राष्ट्रपति पुतिन का अपमान करार दिया है। रूस ने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
देर रात को किए हमले में अमेरिका का साथ ब्रिटेन और फ्रांस ने दिया।वैसे, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, तुर्की, जॉर्डन, सऊदी अरब, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड्स, इजरायल, स्पेन और यूएस की कार्रवाई के सपोर्ट में हैं। ये सभी असद के खिलाफ हैं।रूस, ईरान और चीन सीरिया की असद सरकार को सपोर्ट कर रहे हैं।
सीरिया में 2013 में पहली बार सीरियाई सेना ने पूर्वी घोउटा में राकेट से सरीन नर्व एजेंट छोड़ा था। इसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।सीरियाई सेना ने अप्रैल 2017 में खान शेखाउन में रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया था। इसमें 80 मारे गए थे। इस साल की शुरुआत में भी सीरिया सेना विद्रोहियों के खिलाफ गैस का इस्तेमाल किया था। फिर 7 अप्रैल को रासायनिक हमला किया।