चीन के कई शहरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का कहर

चीन के एक पूर्वी शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की बीमारी की रोकथाम के लिए 14,500 से अधिक सूअरों को मार दिया गया है. बीजिंग ने अगस्त के शुरू में अपने यहां इस बीमारी का पहला मामला सामने आने की सूचना दी थी और तब से यह विषाणु देश के कई शहरों में फैल चुका है .

इससे बड़े पैमाने पर सूअरों को मारने की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है. चीन सूअर के मांस के उत्पादन के मामले में विश्व में पहले नंबर पर है. अर्फीकन स्वाइन फीवर मनुष्य के लिए घातक नहीं है, लेकिन इसकी चपेट में आने वाले पालतू सूअरों को रक्तस्राव की समस्या होने लगती है.

इसे रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और बीमारी के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका संक्रमित मवेशी को मार देना ही है. बंदरगाह शहर लिनयुगांग की स्थानीय सरकार ने कहा कि उसने गत सोमवार की रात तक 14,500 सूअरों को मारा है.

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ ए ओ) ने मई में आगाह किया था कि रूस में फैला अफ्रीकन स्वाइन फीवर अन्य जगह भी फैल सकता है.जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं.

इसमें बुखार, थकान, और भूख की कमी, खांसी और गले में खराश शामिल हैं. कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकती है. इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) से संक्रमित कुछ लोगों को गंभीर रोग हुई और मर गए. बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकांश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं.

देश में स्वाइन फ्लू के काफी अधिक मामले राजस्थान में हैं. दो माह में स्वाइन फ्लू जनवरी-फरवरी माह में 88 लोगों की जान ले चुका है और 976 मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं.स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है.

इसलिए खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है. यह एक से दूसरे के बीच बहुत तेजी से फैलता है. इंफ्लूएंजा ए स्‍वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1’ द्वारा संक्रमित व्‍यक्ति द्वारा दूसरे व्‍यक्ति को फैलता है. यह बात याद रखिये सुअर का मांस खाने से स्‍वाइन फ्लू नहीं होता.

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