सीरियाई सैनिकों ने रविवार को प्राचीन शहर पालमयरा को फिर से अपने कब्जे में ले लिया और इस जीत के सहारे अन्य जिहादी गढ़ों के खिलाफ बढ़त बनाने का संकल्प लिया। राष्ट्रपति बशर अल असद ने इस जीत को एक अहम उपलब्धि और सीरियाई सेना और इसके सहयोगियों की आतंकवाद से लड़ाई में क्षमता का ताजा सबूत करार दिया। सेना ने कहा कि सरकार समर्थक सैनिकों ने विश्व धरोहर स्थल पालमयरा को आईएस के लड़ाकों से मुक्त करा लिया है।
सेना ने एक बयान में कहा, ‘डायर एजोर और राका जैसे प्रमुख शहरों में दायेश के खिलाफ बड़े अभियान के लिए पालमयरा केंद्र होगा।’ राका आईएस का मुख्य ठिकाना है और डायर अजोर शहर उसका दूसरा प्रमुख गढ़ माना जाता है। रूसी लड़ाकू विमानों के हमले के सहारे सीरियाई सैनिकों और सहयोगी मिलीशिया ने इस महीने इस सुनसान शहर को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया।
सेना के लोग अब इस शहर में आईएस की ओर से बिछाई गई बारूदी सुरंगों और लगाये गये बमों को निष्क्रिय करने के काम में जुटे हैं। आईएस के कब्जे में जाने के बाद से यूनेस्को की ऐतिहासिक धरोहरों वाली सूची में शामिल इस शहर को बहुत नुकसान पहुंचा है। सीरियाई सेना के एक सूत्र ने एएफपी को बताया, ‘‘रात के समय भीषण संघर्ष के बाद पालमयरा अब पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में है। ऐतिहासिक स्थलों वाला क्षेत्र और आवासीय इलाके दोनों सेना के नियंत्रण में हैं।
आईएस के लड़ाके शहर से बाहर भाग गए हैं और सुखनाह और डायर एजोर कस्बों की ओर पहुंच रहे हैं।आईएस ने मई, 2015 में पालमायरा पर कब्जा कर लिया था। कब्जा करने के बाद से उसने शहर के दो स्थलों को उड़ा दिया था। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि पालमायरा के लिए संघर्ष में आईएस के कम से कम 400 लड़ाके मारे गए हैं। पालमायरा को फिर से नियंत्रण में लेने में रूसी सुरक्षा बलों ने सीरियाई सैनिकों को पूरी मदद की है।