सीरिया में विद्रोहियों का हथियार डालने से इनकार

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सशस्त्र विद्रोहियों के समूह फ्री सीरियन आर्मी (एफएसए) ने हथियार डालने से दो टूक मना कर दिया है।राष्ट्रपति बशर अल-असद ने इस संगठन को दमिश्क के इलाके में सोमवार तक बिना शर्त हथियार डालने को कहा था। एफएसए की वार्ता समिति के प्रवक्ता अबू अल-खैर अल-अत्तार ने कहा, ‘हम इलाके की रक्षा करते रहेंगे। कुछ भी हो जाए हथियार नहीं डालेंगे।’ एफएसए को हथियार व अन्य तरह की मदद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों से मिली है।

अल-अत्तार ने कहा, ‘जब तक वजह बरकरार है, हथियार नहीं डालेंगे। हालांकि स्थानीय गुट सरकार से बातचीत का रास्ता बंद नहीं करेंगे।’ शनिवार को सीरिया सरकार ने मोअदामियाह का रास्ता ब्लॉक कर दिया था। उसने चेतावनी दी थी कि अगर एफएसए सहित बागियों ने सोमवार तक बिना शर्त हथियार नहीं डाले और समर्पण नहीं किया तो सरकार आक्रामक कदम उठाएगी।

दमिश्क के पास स्थित मोअदामियाह राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ 2011 में शुरू हुए संघर्ष से ही विवाद में रहा है। तब से सीरिया में 2,50,000 लोग मारे जा चुके हैं। यहां सरकारी सेना पर रासायनिक हथियारों के उपयोग का भी आरोप लगाया गया था।उधर, संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि 2000 आतंकियों को रक्का जाने का सुरक्षित जाने का रास्ता देने का कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया है। फिलहाल केवल रोका गया है।

रूसी हवाई हमले में विद्रोही गुट जैश अल-इस्लाम के कमांडर जहरान अलूश की मौत के बाद दमिश्क के पास यारमूक शरणार्थी शिविर से इस्लामी स्टेट के आतंकियों को रक्का तक का रास्ता देने से विद्रोहियों ने मना कर दिया था। शनिवार को उन्हें लेने गई गाड़ियों को खाली लौटा दिया गया। यारमूक शिविर में करीब 18,000 सीरियाई शरणार्थी हैं। इन्हें आइएस के 500 लड़ाकों ने घेर रखा है। इन आतंकियों के परिजन भी यहां हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत आतंकियों और उनके 1500 परिजनों को सुरक्षित निकाला जाना था।

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