इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने नरेंद्र मोदी का तेल अवीव एयरपोर्ट पर वेलकम किया। नेतन्याहू ने अपनी स्पीच के दौरान हाथ जोड़कर हिंदी में कहा आपका स्वागत है मेरे दोस्त। मोदी ने जवाब में शुक्रिया कहा। एयरपोर्ट पर ही दोनों नेता 18 मिनट में 3 बार गले मिले। एयरपोर्ट पर इजरायल के 11 मंत्री भी मौजूद थे। नेतन्याहू ने एक-एक कर सभी का इंट्रोडक्शन मोदी से कराया।
बता दें कि इस तरह का वेलकम अमेरिकी प्रेसिडेंट और पोप के बाद सिर्फ भारतीय पीएम को हासिल हुआ है। मोदी 70 साल में इजरायल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।एयरपोर्ट पर हुई वेलकम सेरेमनी में मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत हिब्रू भाषा में बाेलकर की। उन्होंने कहा भारत-इजरायल देशों के बीच जब से फुल डिप्लोमैटिक रिलेशंस शुरू हुए हैं, तब से रिश्तों ने तरक्की की है।
इजरायल के लोगों ने यह देश डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल्स पर बनाया है। तमाम विपरीत हालात और चुनौतियों के बावजूद आपने तरक्की की। चुनौतियों को मौकों में बदला है। 41 साल पहले ऑपरेशन एंटेबे के वक्त नेतन्याहू के बड़े भाई ने बलिदान दिया था।भारत पुरानी सभ्यता वाला देश है, लेकिन काफी यंग है। भारत में 80 करोड़ लोग 35 साल से कम उम्र के हैं।
इजरायल की इकोनॉमी, बिजनेस करने का तरीका और दुनिया से रिश्ते हमें प्रेरित करते हैं।भारत इजरायल को अपना सबसे अहम पार्टनर मानता है। हायर टेक्निकल एजुकेशन और इनोवेशन के मामले में यह देश आगे है। इजरायल का इन सेक्टर्स में दबदबा क्रिएटिव आइडियाज लेकर आता है। हम लोग इकोनॉमिक प्रॉस्पैरिटी पर काम करने के अलावा टेररिज्म जैसी चुनौतियों से भी हमारे समाजों की हिफाजत कर रहे हैं।
मुझे इजरायल में भारतीय कम्युनिटी के लोगों और यहूदियों से मुलाकात का इंतजार है। मेरा यह दौरा दोनों देशों के बीच बातचीत के नए दौर की शुरुआत करेगा। यह हमारे देशों की जनता और सोसायटी के लिए फायदेमंद साबित होगा। मैं इस जोरदार स्वागत के लिए आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।
ठीक 41 साल पहले यानी 4 जुलाई 1976 को यूगांडा के एंटेबे में इजरायल ने कमांडो ऑपरेशन चलाया था। वहां फलस्तीनी उग्रवादियों ने एयर फ्रांस के प्लेन को हाईजैक कर लिया था। प्लेन में 248 पैसेंजर्स सवार थे।इजरायल ने 4000 किमी दूर अपने 100 कमांडो प्लेन से भेजे। ऑपरेशन में इजरायली कमांडो लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू शहीद हो गए। योनातन मौजूदा पीएम नेतन्याहू के बड़े भाई थे।
नेतन्याहू ने अपनी स्पीच की शुरुआत हिंदी में की। उन्होंने कहा आपका स्वागत है मेरे दोस्त। 70 साल से भारत का इंतजार था। अंतरिक्ष तक इजरायल के भारत से रिश्ते हैं, दोनों देशों के रिश्ते आसमान से भी ऊंचे हैं।नेतन्याहू प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे थे।मोदी और नेतान्याहू के बीच केमिस्ट्री काफी अच्छी दिखी। दोनों नेता 18 मिनट में करीब तीन बार गले मिले।
मोदी के प्लेन से उतरने के बाद नेतान्याहू ने उनका वेलकम किया। पहली बार दोनों नेता यहीं गले मिले।नेतान्याहू ने स्पीच दी। जैसे ही स्पीच खत्म हुई दोनों नेता दूसरी बार गले मिले। मोदी की स्पीच के बाद दोनों तीसरी बार गले मिलते दिखे।1950 में पहली बार भारत ने इजरायल को मान्यता दी, लेकिन 1992 में नरसिम्हाराव सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन बने।
1997 में इजरायल के पीएम एजर वीजमैन और 2003 में एरियल शेरोन भारत आए। 2003 में ही जसवंत सिंह का इजरायल दौरा हुआ। लेकिन बीते 70 साल में मोदी से पहले कोई भी भारतीय पीएम इजरायल के दौरे पर नहीं गया।नेतन्याहू अपनी टॉप प्रोटोकॉल टीम के साथ मोदी को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे।
भारत में इजरायल के एम्बेसडर डेनियल कार्मन के मुताबिक, जो सम्मान मोदी को एयरपोर्ट पर दिया गया, वो सिर्फ US प्रेसिडेंट और पोप को दिया जाता है।ऐसा पहली बार होगा कि नेतन्याहू किसी वर्ल्ड लीडर के साथ ज्यादातर इवेंट्स में शामिल रहेंगे।48 घंटे में मोदी के 18 प्रोग्राम तय हैं। ज्यादातर में नेतन्याहू उनके साथ रहेंगे।