दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन रविवार को दिल्ली पहुंचे। उनके साथ पत्नी किम जुंग-सुक, कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य, अधिकारी और 100 उद्योगपति भी आए हैं। मून का राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला भारत दौरा है। सोमवार को मून भारत-कोरिया बिजनेस फोरम की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ गांधी मेमोरियल जाएंगे।
दोनों नेता उसके बाद नोएडा के सैमसंग प्लांट पहुंचेंगे। 10 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा। फिर वे हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान रक्षा क्षेत्र और साइबर सिक्योरिटी में करार होने की उम्मीद है।
इसके अलावा दोनों नेता कारोबार, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साझा हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। दोनों के बीचअमेरिका-चीन ट्रेड वार पर भी बात हो सकती है।मून की यात्रा से रणनीतिक साझेदारी का दूसरा दौर शुरू हुआ है। शुरुआत मोदी की एक्ट ईस्ट नीति से 2015 में हुई थी।
भारत दोनों कोरियाई देशों को महत्व देता है। इसी कारण मून नई दक्षिण नीति के तहत थ्री पी एजेंडे पर आगे बढ़ना चाहते हैं। थ्री पी में पीपुल्स यानी लोगों की अावाजाही से संबंध बढ़ाना, प्रॉसपेरिटी(समृद्धि) यानी साझेदारी निर्माण और पीस यानी शांति से है।
भारत में द. कोरिया की सैमसंग, एलजी, हुंडई समेत 500 से ज्यादा कंपनियां हैं। वह भारत की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया में सहयोग कर रहा है। करीब 70 हजार करोड़ रु. जुटाने में मदद कर रहा है। ऐसे में भारत चाहेगा कि कोरिया इन परियोजनाओं में भूमिका और बढ़ाए।