उत्तर कोरिया में किए गए परमाणु परीक्षण ने वाशिंगटन में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा बढ़ा दिया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोमुहांपन के चलते अमेरिका पहले ही इस्लामाबाद से नाराज चल रहा है। यह उत्तर कोरिया का पांचवा परमाणु परीक्षण है और इसे प्योंगयांग का सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एक विशेषज्ञ ने कहा कि उत्तर कोरिया के पांचवें और परमाणु परीक्षण से यह जाहिर हुआ है कि वह अपने विरोधी एशियाई पड़ोसी देशों खासकर दक्षिण कोरिया और जापान को निशाना बनाने की क्षमता रखता है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक समाचार पत्र पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि प्योंगयांग ने परमाणु हथियार की यह तकनीक पाकिस्तान से प्राप्त की है।
साल 2011 में समाचार पत्र ने अपनी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के परमाणु अभियान के संस्थापक अब्दुल कादिर खान के उस खुलासे का जिक्र किया था जिसमें खान ने कहा था कि 1990 के अंतिम दशक में उत्तर कोरिया ने परमाणु तकनीक हासिल करने के लिए इस्लामाबाद में शीर्ष सैन्य अधिकारियों को रिश्वत दी।
समाचार एजेंसी एएनआई ने क्यूंग ही यूनिवर्सिटी में परमाणु विशेषज्ञ ह्वांग जू हो के हवाले से कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार उसके विभिन्न मिसाइलों पर लगाए जा सकते हैं और ये मिसाइलें सियोल और तोक्यो तक पहुंचने की क्षमता रखती हैं। विशेषज्ञ का कहना है वाशिंगटन में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का एक कारण उत्तर कोरिया का हालिया परमाणु परीक्षण है जबकि नाराजगी का दूसरा कारण आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान का ‘दोहरा रवैया’ है।
गत 8 सितंबर को सीनेट के फॉरेश रिलेशन कमेटी के चेयरमैन बॉब कॉर्कर ने वर्षों से पाकिस्तान को जारी वित्तीय मदद पर नाराजगी जतायी थी। कॉर्कर ने कमेटी से कहा पाकिस्तान की सरकार को यह पता है कि आतंकवादी कहां हैं।गौरतलब है कि कॉर्कर ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान की बिक्री रोकने और इस्लामाबाद को सैन्य मदद के रूप में दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की राशि जारी न करने में अहम भूमिका निभाई है।
उत्तर कोरिया के 9 सितंबर के इस परमाणु परीक्षण के बाद विश्व के शक्तिशाली देश उसे दंडित करने के तरीके तलाश रहे हैं। उत्तर कोरिया ने साथ ही ‘गुणवत्ता और मात्रा’ में परमाणु हमला शक्ति को बढ़ाने का संकल्प लिया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई और संयुक्त राष्ट्र के सख्त प्रतिबंधों के लिए कदम उठाने की मांग की गयी।