अदालत ने को ईरान के लिए जासूसी करने के दोषी 15 लोगों को मौत की सजा सुनाई. अल अरबिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी दोषी 32 लोगों के एक नेटवर्क का हिस्सा बताए गए हैं.इनमें दो को बरी कर दिया गया और 15 अन्य को छह महीने से 25 साल तक के कारावास की सजा सुनाई गई है.
सजा पाने वालों में सऊदी अरब के 30 नागरिक और ईरान व अफगानिस्तान के एक-एक नागरिक शामिल हैं. यह सैन्य और कूटनीति क्षेत्रों में काम करते थे. इन्हें 2013 में हिरासत में लिया गया और फरवरी में इन पर मुकदमा शुरू हुआ.
अदालत ने इन पर ईरान के खुफिया विभाग के लिए जासूसी करने और सऊदी अरब से संबंधित संवेदनशील सैन्य जानकारी प्रदान करने के लिए एक समूह के गठन का आरोप लगाया था.इस नेटवर्क के कुछ सदस्यों ने ईरानी खुफिया एजेंसी के साथ समन्वय कर ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई से मुलाकात की थी.