काबुल में हामिद करजई इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर 20 से 30 रॉकेट्स दागे गए। खबरों की मानें तो अमेरिका के रक्षा मंत्री जनरल जेम्स मैटिस और नाटो के लीडर जेंस स्टॉलटनबर्ग के अफगानिस्तान पहुंचते ही यह हमला हुआ। इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सुरक्षा के मद्देनजर एयरपोर्ट की सारी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। एयरपोर्ट को बंद कर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत दौरे के बाद बुधवार को अफगानिस्तान पहुंचे थे। ट्रम्प के प्रेसिडेंट बनने के बाद किसी अमेरिकी कैबिनेट मंत्री का यह पहला अफगानिस्तान दौरा है। मैटिस इस दौरे में अफगानिस्तान प्रेसिडेंट, अमेरिकी रक्षा अधिकारियों और नाटो सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग से मिलेंगे।
यह हाई लेवल मीटिंग ऐसे वक्त हो रही है, जब अफगान सिक्युरिटी फोर्सेस के साल 2014 के आखिर में अमेरिका के लीडरशिप वाली नाटो आर्मी की वापसी के बाद से तालिबान के हमलों का सामना कर रही है।ट्रम्प की योजना के मुताबिक, अमेरिका अफगानिस्तान में 3,000 से ज्यादा सैनिक भेजने की तैयारी कर रहा है, जबकि 11,000 सैनिक पहले ही मौजूद हैं।
गौरतलब है कि मार्च महीने में भी काबुल में भारतीय दूतावास इंडिया हाउस के पास एक धमाका हुआ था। काबुल में तैनात भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा के अलावा भारतीय दूतावास के अन्य अधिकारी भी इसी परिसर में रहते हैं। रॉकेट दूतावास के अंदर बने टेनेस कोर्ट में गिरा था। हालांकि, इस हमले में भी कोई हताहत नहीं हुआ था।