काबुल में इंडियन एम्बेसी पर रॉकेट से हमला किया गया। एम्बेसी की सिक्युरिटी का जिम्मा संभालने वाली इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस यानी ITBP की एक बैरक को इससे काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि, किसी जवान या अफसर को कोई चोट नहीं आई। एम्बेसी का स्टाफ पूरी तरह सेफ है। सुषमा स्वराज ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी।
इंडियन एम्बेसी अफगानिस्तान की राजधानी के ग्रीन जोन में है। इसे सबसे सेफ जोन माना जाता है।काबुल की इंडियन एम्बेसी में ITBP के जवानों और अफसरों के लिए स्पेशल बिल्डिंग बनाई गई है। यह तीन मंजिला है।देर रात यहां के सबसे ऊपरी हिस्से में एक रॉकेट आकर टकराया। अफगानिस्तान की टोलो न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस तरह के रॉकेट का इस्तेमाल अक्सर तालिबान आतंकी करते हैं।
आतंकियों को यह रॉकेट पाकिस्तान आर्मी की मदद से मिलते हैं।फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज ने सोमवार रात ही फोन पर अफसरों से घटना की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि काबुल में इंडियन एम्बेसी पर रॉकेट दागा गया है। इसमें किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यहां ITBP की पहली बैरक में रॉकेट की वजह से कुछ जगह दीवार टूटी है। लेकिन, किसी जवान या अफसर को कोई नुकसान नहीं हुआ। अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी मामले की जांच कर रही है।अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह हमला जानबूझकर किया गया, या फिर रॉकेट का टारगेट कुछ और था लेकिन वह गलती से इंडियन एम्बेसी से जा टकराया।
फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन रवीश कुमार ने भी घटना की पुष्टि की है।काबुल में इंडियन एम्बेसी के पास मार्च 2017 में सुसाइड अटैक हुआ था। इसमें 90 लोग मारे गए थे।जलालाबाद की इंडियन कॉन्स्युलेट को भी निशाना बनाने की कोशिश 2016 में हुई थी। तब 9 लोकल लोग मारे गए थे।काबुल में इंडियन कॉन्स्युलेट पर 2008 और 2009 में भी हमला हो चुका है।