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आज पीएम मोदी प्रेसिडेंट रूवेन रिवलिन से मुलाकात करेंगे

पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मोदी के वेलकम के लिए 5 प्रोटोकॉल तोड़े। आज नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसके बाद मोदी प्रेसिडेंट रेउवेन रिवलिन से मुलाकात करेंगे। उनका बेबी मोशे से मुलाकात का भी प्रोग्राम है। 2008 में हुए मुंबई अटैक में नरीमन हाउस में हुई फायरिंग के दौरान बेबी मोशे के माता-पिता की मौत हो गई थी।

बता दें कि जिस तरह से इजरायल में मोदी का स्वागत है, ऐसा वेलकम सिर्फ अमेरिकी प्रेसिडेंट और पोप को हासिल हुआ है। मोदी 70 साल में इजरायल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।इजरायली पीएम के साथ 11 मंत्री और सरकार के 40 सबसे प्रमुख प्रतिनिधि एयरपोर्ट पर मौजूद थे।मोदी के स्वागत में एयरपोर्ट पर दोनों देशों का राष्ट्रगान गाया गया। वहीं गॉर्ड ऑफ आनर दिया गया।

मोदी 3 दिन की यात्रा में 18 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इनमें से 12 में इजरायली पीएम साथ रहेंगे।नेतन्याहू राष्ट्र प्रमुखों के साथ 1 मीटिंग व लंच/डिनर करते हैं। मोदी के साथ दो डिनर, दो लंच करेंगे।दौरे के आखिरी दिन मोदी को गुड बाय कहने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे इजरायली प्रधानमंत्री। साथ में होगी उनकी पूरा कैबिनेट।

मोदी अपोजिशन के नेता एमके इसाक हरजॉग से मुलाकात करेंगे। इसके बाद तेल अवीव में इंडियन कम्युनिटी के इवेंट में शिरकत करेंगे। इजरायल म्यूजियम देखने जाएंगे।दौरे के तीसरे और आखिरी दिन गुरुवार को मोदी, नेतन्याहू के साथ हाइफा कब्रिस्तान जाएंगे, जहां पहले विश्व युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों को दफनाया गया था।

इसके बाद दोनों नेता गैल मोबाइल-इंट्रीग्रेटेड वाटर प्यूरीफिकेशन देखने जाएंगे। इसे हाई क्वालिटी पीने का पानी तैयार करने के लिए बनाया गया है। इसका इस्तेमाल आपदा के वक्त पीने के पानी मुहैया कराने भी किया जाता है।एयरपोर्ट पर हुई वेलकम सेरेमनी में मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत हिब्रू भाषा में बाेलकर की। उन्होंने कहा भारत-इजरायल देशों के बीच जब से फुल डिप्लोमैटिक रिलेशंस शुरू हुए हैं, तब से रिश्तों ने तरक्की की है।

इजरायल के लोगों ने यह देश डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल्स पर बनाया है। तमाम विपरीत हालात और चुनौतियों के बावजूद आपने तरक्की की। चुनौतियों को मौकों में बदला है। 41 साल पहले ऑपरेशन एंटेबे के वक्त नेतन्याहू के बड़े भाई ने बलिदान दिया था।भारत पुरानी सभ्यता वाला देश है, लेकिन काफी यंग है। भारत में 80 करोड़ लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। इजरायल की इकोनॉमी, बिजनेस करने का तरीका और दुनिया से रिश्ते हमें प्रेरित करते हैं।

भारत इजरायल को अपना सबसे अहम पार्टनर मानता है। हायर टेक्निकल एजुकेशन और इनोवेशन के मामले में यह देश आगे है। इजरायल का इन सेक्टर्स में दबदबा क्रिएटिव आइडियाज लेकर आता है। हम लोग इकोनॉमिक प्रॉस्पैरिटी पर काम करने के अलावा टेररिज्म जैसी चुनौतियों से भी हमारे समाजों की हिफाजत कर रहे हैं।

मुझे इजरायल में भारतीय कम्युनिटी के लोगों और यहूदियों से मुलाकात का इंतजार है। मेरा यह दौरा दोनों देशों के बीच बातचीत के नए दौर की शुरुआत करेगा। यह हमारे देशों की जनता और सोसायटी के लिए फायदेमंद साबित होगा। मैं इस जोरदार स्वागत के लिए आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।

ठीक 41 साल पहले यानी 4 जुलाई 1976 को यूगांडा के एंटेबे में इजरायल ने कमांडो ऑपरेशन चलाया था। वहां फलस्तीनी उग्रवादियों ने एयर फ्रांस के प्लेन को हाईजैक कर लिया था। प्लेन में 248 पैसेंजर्स सवार थे।इजरायल ने 4000 किमी दूर अपने 100 कमांडो प्लेन से भेजे। ऑपरेशन में इजरायली कमांडो लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू शहीद हो गए। योनातन मौजूदा पीएम नेतन्याहू के बड़े भाई थे।

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