हांगकांग में ओमीक्रोन वैरिएंट हवा से फैल रहा है और लोगों को संक्रमित कर रहा है।इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज जरनल में छपी स्टडी के मुताबिक हांगकांग के एक होटल में आमने-सामने के कमरों में क्वारंटीन रहने के बावजूद दो यात्री ओमीक्रोन वैरिएंट वाले वायरस से संक्रमित हो गए।
जिसके बाद विशेषज्ञों ने हवा से संक्रमण फैलने की पुष्टि की।हांगकांग में पहला मरीज 13 नवम्बर को पॉजिटिव मिला। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन उसमें कोई लक्षण नहीं थे। उसी होटल में रु का दूसरा मरीज 17 नवम्बर को पॉजिटिव हुआ।
दोनों संक्रमित पूरी तरह वैक्सीनेटेड थे। इस रिपोर्ट के बाद भारतीय वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एचएस रेड्डी के अनुसार अब तक भारत में मैन-टू-मैन एयर के जरिए एक भी संक्रमित मामलों की पुष्टि नहीं हुई है।
हमें इस संभावना को भी कोरोना प्रोटोकॉल में शामिल करने की जरूरत है। ताकि लोग समय रहते सुरक्षा संबंधी एहतियाती कदम उठा सकें।इस स्टडी के लिए होटल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी देखी गई। उसमें जो पता चला कि न तो दोनों मरीजों ने अपना कमरा छोड़ा और न ही किसी से कोई संपर्क किया।
सिर्फ खाना लेने और कोरोना जांच के लिए ही उनके कमरों के दरवाजे खुले थे और वो भी अलग-अलग समय में जिसके बाद पक्का हो गया कि कॉरिडोर में एयरबोर्न ट्रांसमिशन की वजह से ही वायरस फैला। मतलब ये कि इस स्टडी के जरिए ओमीक्रोन के हवा से फैलने पर मुहर लग गई है और दुनिया की फिक्र बढ़ गई है।
पहले ही ओमीक्रोन के डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक होने की आशंका है। अब हवा से फैलने की पुष्टि ने ओमीक्रोन को और ज्यादा खतरनाक बना दिया है। ओमीक्रोन वैरिएंट की घबराहट को देश में महसूस किया जा सकता है क्योंकि सिर्फ 4 दिन में इस वैरिएंट ने 5 राज्यों में पैर पसार लिये हैं।
सबसे पहले कर्नाटक, फिर गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली होते हुए राजस्थान तक पहुंच गया।ओमीक्रोन कोरोना का ज्यादा जानलेवा रूप है। टीकाकरण का क्या असर होगा। क्या कोरोना वायरस का ये वर्जन ज्यादा संक्रामक है। क्या इसकी चपेट में आकर लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ जाएंगे और क्या ओमीक्रोन से वैक्सीन बेअसर होने का खतरा है।
ओमीक्रोन की टेस्टिंग से लेकर इससे संक्रमित लोगों के इलाज में जुटे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के निदेशक प्रो. सुरेश कुमार ने कहा, देश में ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा केस राजस्थान में मिले हैं जयपुर में एक परिवार के 4 सदस्य और उनके रिश्तेदारों समेत कुल 9 लोग ओमीक्रोन संक्रमित पाए गए हैं।
राजस्थान के बाद ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में रिपोर्ट हुए हैं। यहां 8 लोग ओमीक्रोन संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिनमें 6 केस तो पिंपरी में मिले हैं। जिनका इलाज वहां के जीजामाता अस्पताल में चल रहा है। ओमीक्रोन से संक्रमण पर हल्का बुखार देखने को मिल रहा है।
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती मरीज में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि के बाद भी तेज बुखार नहीं आया जबकि इस वैरिएंट में तेज बुखार आता है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में एनयूएचएम के डिप्टी कमीशनर डा. सुशील कुमार विमल के अनुसार डेल्टा से संक्रमित होने वाले लोगों में गले में खराश के साथ कफ की शिकायत देखने को मिलती है।
लेकिन ओमीक्रोन में कफ की शिकायत बहुत कम देखी जा रही है। ओमीक्रोन के संक्रमितों के स्वाद और सूंघने की क्षमता पर असर नहीं पड़ रहा है। लेकिन इसे डेल्टा वैरिएंट से कई गुना ज्यादा तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है।
अब तक ओमीक्रोन के मरीजों की पहचान और इलाज से पता चला कि ओमीक्रोन से संक्रमित होने के बाद मरीजों की हालत ज्यादा गंभीर नहीं है। सबमें बहुत ही हल्के लक्षण दिखे हैं। देश और दुनिया में कहीं भी इससे मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन ये डेल्टा से ज्यादा संक्रामक लग रहा है।
मतलब संक्रमित होने का ज्यादा डर। ऐसे में अब सवाल ये कि अगर कोई इससे संक्रमित हो जाए तो उसे ठीक होने में कितना वक्त लगेगा। अगर आपकी इम्युनिटी मजबूत है। स्वस्थ हैं और वैक्सीनेटेड भी हैं, तो ओमीक्रोन ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। लेकिन इस बीच आशंकाएं वैक्सीन के बेअसर होने की भी हैं।