इजरायल में भारतीय कम्युनिटी को संबोधित करते हुए बोले पीएम मोदी

इजरायल दौरे के दूसरे दिन नरेंद्र मोदी यहां कन्वेन्शन सेंटर में भारतीय कम्युनिटी के बीच पहुंचे। मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत हिब्रू में की और इजरायली लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा- यह सच यह है कि मिलने में हमें कई साल लग गए। 10-20-50 नहीं, 70 साल लग गए। आजादी के 70 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री आज आप सभी का आशीर्वाद ले रहा है।

इस अवसर पर बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे। मोदी ने करीब एक घंटा दस मिनट की स्पीच में अपनी सरकार के एचीवमेंट गिनाए, वहीं सरकार के रिफॉर्म का भी जिक्र किया। इसके अलावा नई दिल्ली- मुंबई-तेल अवीव के बीच फ्लाइट्स शुरू करने का एलान किया। वहीं, ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) और पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) कार्ड को लेकर आ रही दिक्कतें जल्द ही दूर करने का वादा भी किया।

बता दें कि इजरायल में किसी भारतीय नेता का इस तरह का पहला इवेंट है।मोदी ने कहा-  मैं आपसे अपनी बात की शुरुआत इसी कन्फेशन से करना चाहता हूं। वाकई, 70 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यहां आना अपने आप में खुशी का भी अवसर है और सवालिया निशान भी है।इजरायल आने के बाद जिस तरह वे (बेंजामिन नेतन्याहू ) मेरे साथ रहे हैं, जैसा सम्मान उन्होंने मुझे दिया है, वह भारत के सवा सौ करोड़ लोगों का सम्मान है।

ऐसे सम्मान को, ऐसे प्यार को, ऐसे अपनेपन को कभी भी दुनिया में कोई भुला सकता है?मोदी ने कहा- बेंजामिन स्वतंत्र इजरायल और मैं स्वतंत्र भारत में जन्मा। बेंजामिन की एक रुचि हर दिल को छू जाने वाली है, वह है- भारतीय भोजन के प्रति उनका प्यार। कल रात के भोज पर उन्होंने भारतीय भोजन के साथ जो मेरी आवभगत की, मैं उसे सदैव याद रखूंगा।

हम दो देशों के बीच फुल डिप्लोमैटिक रिलेशंस को भले ही 25 साल हुए हों, लेकिन सचाई यही है कि दोनों देश कई सौ साल से एक साथ बहुत गहराई से जुड़े हैं।महान सूफी संत बाबा फरीद ने 13वीं शताब्दी में यरूशलम में एक गुफा में रहकर लंबी साधना की। बाद में यह जगह तीर्थस्थल में परिवर्तित हो गई। आज भी यह जगह यरूशलम और भारत के 800 साल पुराने रिश्तों का एक प्रतीक बनी हुई है।

मोदी ने कहा भारत-इजरायल का यह साथ संस्कृति, एकदूसरे पर भरोसे और मित्रता का है। हमारे त्योहारों में भी अद्भुत समानता है। भारत में होली की तरह यहां भी ऐसा ही त्योहार मनाया जाता है। भारत में दिवाली तो यहां हनुका मनाया जाता है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि यहूदी पुनरुत्थान के प्रति एक खेल कार्यक्रम का कल उद्घाटन हो रहा है और मैं इसके लिए बधाई देता हूं।

भारत ने भी इस यहूदी ओलिंपिक खेल के लिए अपनी टीम भेजी है। भारतीय टीम के खिलाड़ी भी इस अवसर पर यहां मौजूद हैं।मोदी ने कहा, एलिश एस्टन को द इंडियन के नाम से भी जाना जाता है। ब्रिटिश काल के दौरान उन्होंने मराठा इन्फ्रेंट्री में काम किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान हाइफा को आजाद कराने में भारतीयों की भूमिका रही है। मेरा सौभाग्य है कि मैं उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने हाइफा जा रहा हूं।

कल रात इजरायल पीएम के यहां गए। बड़ा पारिवारिक माहौल था। हम सुबह ढाई बजे तक बातें करते रहे। उन्होंने मुझे एक तस्वीर दी। वह भारतीय सैनिकों द्वारा यरूशलम को आजाद कराने से जुड़ी थी।मैं भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जफरयाब जैकब का जिक्र करना चाहता हूं। उनके पुरखे बगदाद से भारत आए। 1971 में जब बांग्लादेश पाक से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था, तब उन्होंने पाक सैनिकों का समर्पण कराने में अहम भूमिका निभाई।

यहूदी लोग भारत में कम संख्या में रहे लेकिन जिस भी क्षेत्र में रहे, उन्होंने उपस्थिति अलग से दर्ज कराई। सिर्फ सेना ही नहीं, साहित्य, संस्कृति, फिल्म में भी यहूदी लोग अपनी इच्छाशक्ति के दम पर आगे बढ़े हैं।मोदी ने कहा- आज यहां इजरायल के अलग-अलग शहरों के मेयर भी आए हैं। यह भारत के प्रति उनका प्रेम उन्हें खींच लाया है।

भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाले मुंबई में भी यहूदी समुदाय के एक मेयर 80 साल पहले हुआ करते थे। तब मुंबई को बॉम्बे कहा जाता था। 1938 में एलिजा मोदिस ने बॉम्बे के मेयर के तौर पर जिम्मेदारी निभाई थी। भारत में भी बहुत कम लोगों को पता होगा कि ऑल इंडिया रेडियो की सिग्नेचर ट्यून भी एक यहूदी वॉल्टर कॉपमैन ने 1935 में रची थी। वे बॉम्बे में डायरेक्टर थे।

मोदी ने कहा मुझे जानकर खुशी हुई कि इजरायल में मराठी भाषा की पत्रिका मायबोली का लगातार प्रकाशन किया जाता है। इसी तरह कोच्चि से आए लोग आेणम भी धूमधाम से मनाते हैं। बगदाद से आकर बसे लोगों के प्रयासों का ही नतीजा था कि बगदादी यहूदियों पर पहला इंटरनेशनल सिम्पोजियम आयोजित हो सका। भारत से आए यहूदियों ने इजरायल के विकास में अहम भूमिका निभाई है।

जब इजरायल ने रेगिस्तान को हरा-भरा करने की सोची तो भारत से आए यहूदियों ने दिनरात खपा दिए थे। मेशाम मेवातिम के नेतृत्व में मेक द डेजर्ट ब्लूम मिशन में हिस्सा लिया।इजरायल के डॉक्टर लॉयल बेस्ट मेरे होम स्टेट गुजरात से हैं। उन्हें प्रवासी भारतीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। वे इजरायल के मशहूर कार्डियो सर्जन है। उनका करियर मानव सेवा की कहानियों से जुड़ा हुआ है।

दिना सांता नाम की बेटी के पास देखने की शक्ति नहीं है, लेकिन इजरायली शक्ति है। वह आगे बढ़ती रहे, यही शुभकामना है।मैं यहां के महान नेता और पूर्व प्रेसिडेंट शिमॉन पेरेस को भी श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। वे मानवता की बेहतरी के लिए अथक परिश्रम करने वाले स्टेट्समैन थे। इजरायली डिफेंस फोर्सेस में इनोवेशन की ट्रेनिंग शुरुआत में ही मिलने लगती है।

वहां छोटी-छाेटी समस्याओं के क्रिएटिव सॉल्यूशंस दिए जाते हैं। अब तक 12 इजरायलियों को अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार मिल चुके हैं।किसी भी देश के विकास में इनोवेशन का महत्व इजरायल को देखकर पता चलता है। इजरायली अपनी धाक जमाने में सफल हुए हैं। सोलर पैनल, एग्रो टेक्नोलॉजी, डिफेंस, कम्प्यूटर प्रोसेस जैसे कई क्षेत्रों में नए-नए इनोवेशन से इजरायल ने बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ा है।

मोदी ने किए तीन एलान -:पहला:इजरायल में आर्मी सर्विस करने वालों को भी OCI कार्ड देंगे। इसके अलावा इजरायल में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों को ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) और पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) कार्ड को लेकर आ रही दिक्कतों को दूर किया जाएगा।

दूसरा:दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और बढ़ाने के लिए पिछले काफी समय से इंडियन कल्चरल सेंटर की कमी यहां महसूस की जा रही थी। आज यहां आपके बीच घोषणा करना चाहता हूं कि भारत सरकार इजरायल में ऐसा सेंटर खोलने जा रही है। भारत आपके दिलों में बसा है। इंडियन कल्चरल सेंटर आपको हमेशा भारतीय संस्कृति से जोड़े रखेगा।

तीसरा:अब दिल्ली-मुंबई-तेल अवीस प्लेन सर्विस शुरू की जाएगी।

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