जापान में एक नर्स पर इलाज के दौरान 2 बुजुर्ग मरीजों की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में उसने गलत इंजेक्शन लगाकर 20 मरीजों को जान से मारने की बात कबूल की है। वह अपनी शिफ्ट के दौरान मरीज की मौत को लेकर होने वाले सवाल-जवाब से बचने के लिए यह कदम उठाती थी।
उसका मानना था कि अगर उसकी शिफ्ट के दौरान मरीज की मौत नहीं होती तो उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।जापानी मीडिया के मुताबिक, नर्स अयूमी कुबोकी (31) को योकोहामा शहर स्थित ओगूची अस्पताल से सितंबर 2016 को एक 88 वर्षीय शख्स सोजो निशिकावा की हत्या के संदेह में शनिवार को गिरफ्तार किया गया।
इसके 2 दिन बाद उससे एक अन्य शख्स नोबुओ यामकी (88) की मौत के संबंध में पूछताछ की गई। कुबोकी ने बताया कि वह इन 2 लोगों की तरह अपनी देखभाल में करीब 20 मरीजों की हत्या कर चुकी है। ओगुची अस्पताल में जुलाई से सितंबर 2016 के दौरान 48 लोगों की मौत हुई थी।
कुबोकी ने पुलिस को बताया कि वह मरीजों की ड्रिप में बेंजलकोनियम क्लोराइड नामक जहरीला केमिकल मिला देती थी। डॉक्टरों ने निशिकावा और यामकी की मौत को प्राकृतिक माना था। हालांकि पोस्टमॉर्टम के दौरान दोनों के शरीर में केमिकल पाया गया।
वहीं, जांच के दौरान 89 साल के एक बुजुर्ग और 78 साल की महिला के शरीर में भी यह केमिकल मिला था। लगातार कई लोगों की मौत होने पर पुलिस को अस्पताल के किसी कर्मचारी पर शक था। हालांकि, इसे साबित करना काफी मुश्किल था। जांच के दौरान कई नर्सों की वर्दी फटी मिली।
उनके खाने-पीने के सामान से छेड़छाड़ की गई थी। इसके अलावा 10 ड्रिप पर सिरिंज लगाने के निशान भी पाए गए। ऐसे में मरीजों की देखभाल के लिए तैनात नर्सों की शिफ्ट टाइमिंग भी जांची गई। इसके बाद पुलिस शक के आधार पर कुबोकी तक पहुंच गई।