मौत की सजा पाए बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात ए इस्लामी से जुड़े नेता और मीडिया मुगल मीर कासिम अली ने राष्ट्रपति के पास क्षमा याचिका भेजने से आज मना कर दिया। उन्हें अब किसी भी समय फांसी दी जा सकती है। अली उच्च सुरक्षा वाले काशिमपुर केंद्रीय कारागार में बंद हैं।
काशिमपुर केंद्रीय कारागार के अधीक्षक प्रशांत कुमार बानिक ने संवाददाताओं से कहा हम उनका फैसला जानने के लिए आज दोपहर को उनसे मिले थे लेकिन उन्होंने हमसे कहा कि वह राष्ट्रपति से माफी नहीं चाहते। मंगलवार को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतिम समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद 63 साल के अली के लिए राष्ट्रपति से माफी अंतिम उम्मीद थी।
अली कुख्यात पाकिस्तान समर्थक मिलिशिया अल बद्र की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण हस्ती हैं।अटॉर्नी जनरल महबूब ए आलम ने कहा अब उन्हें किसी भी समय फांसी दी जा सकती है. सरकार उनकी फांसी के लिए तैयारी कर सकती है। वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान जमात की छात्र शाखा इस्लामी छात्र संघ के युवा नेता के तौर पर अली ने लोगों के जेहन में डर भर दिया था और उन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले लोगों का बर्बर तरीके से दमन किया था।