कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी में फांसी से रोकने के प्रयास तेज हो गए हैं। एक तरफ जहां, अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने पाकिस्तान को जाधव की फांसी पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं, वहीं ईरान ने जाधव से पूछताछ की इजाजत मांगी है। ईरान का तर्क है कि अगर जाधव चबाहार पोर्ट से काम कर रहा था तो उससे पूछताछ की इजाजत मिलनी चाहिए।
जाधव (46) को पिछले महीने मौत की सजा सुनाई गई थी। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा एम. आसिफ ने ट्वीट किया आईसीजे को लिखा भारतीय पत्र पाकिस्तान में भारत प्रायोजित आतंकवाद से ध्यान भटकाने की कोशिश है। कुलभूषण को राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ अपराधों में दोषी पाया गया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रूख करते हुए आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में विएना संधि का उल्लंघन किया है।
भारत ने आईसीजे में अपनी अपील में आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों पर विएना संधि का घोर उल्लंघन किया है और उसने कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था जहां वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद व्यापार कर रहा था लेकिन पाकिस्तान ने उसे तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा किया।
इस पर भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर पूर्व-नियोजित हत्या की गई तो द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान होगा और उसके परिणाम भुगतने होंगे।भारत ने बुधवार को कहा कि कथित जासूस कुलभूषण जाधव से राजनयिक संपर्क के आग्रह को पाकिस्तान द्वारा 16 बार इंकार करने पर उसकी मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत (आईसीजे) जाने का ‘फैसला सावधानीपूर्वक विचारकर’ किया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा हमने मौखिक और कूटनीतिक माध्यमों से पाकिस्तान सरकार से राजनयिक संपर्क के लिए 16 बार आग्रह किया, जिसे इंकार कर दिया गया। हमने मामले में आरोप-पत्र और अदालत के फैसले की प्रति मांगी, लेकिन उस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसमें जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा था कि आईसीजे ने जाधव की मौत की सजा को निलंबित कर दिया है।भारत ने यह स्वीकार किया है कि जाधव नौसेना अधिकारी है लेकिन सरकार के साथ उसके किसी भी तरह के संबंध को खारिज कर दिया।