भारत समंदर में चीन को टक्कर देने की तैयारी में

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चीन और पाकिस्तान को सीधी टक्कर देने के लिए भारत ने तैयारी कर ली है। इसके लिए भारत ने फ्रांस से और तीन स्कॉरपीन सबमरीन खरीदेगा। भारत के 6 सबमरीन मझगांव डॉक पर खड़े हैं और छह न्यू जनरेशन स्टील्थ सबमरीन के अगले साल तक टेंडर जारी किए जाएंगे। बता दें कि इंडियन ओशियन रीजन में चीन भारत के लिए एक चुनौती बनकर उभर रहा है।

इंडियन ओशियन रीजन की सुरक्षा करना।अंडमान और निकोबार आइलैंड के मलक्का स्ट्रेट में भारत के सामरिक हित को प्रोटेक्ट करना।इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को काउंटर करना। क्योंकि हिंद महासागर में चीन के पारंपरिक और न्यूक्लियर सबमरीन की मौजूदगी भारत को परेशान कर रही है।

सामरिक रूप से अहम अंडमान और निकोबार कमांड में अपनी मौजूदगी मजबूत करनी होगी।चीन की दखल को लिमिटेड करना होगा।इसके अलावा, इस लोकेशन को अपने बेसिक एयरक्राफ्ट, वॉरशिप्स और सबमरीन के लिए ज्यादा से ज्यादा यूज करना होगा। और खुद को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस करना होगा।मलक्का स्ट्रेट के पास समुद्री लेन और चोक प्वॉइंट्स की सिक्युरिटी से लेकर निगरानी तक अपने हित को साधना होगा।

भारत के पास फिलहाल 13 पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन हैं।इनमें से भी 10 सबमरीन 25 साल से ज्यादा पुराने हो गए हैं।आईएनएस चक्र रूस से लीज पर लिया गया है। ये भी न्यूक्लियर मिसाइल की स्ट्रेंथ वाला नहीं है।चीन के पास 51 पारंपारिक और 5 न्यूक्लियर सबमरीन हैं।इसके अलावा चीन 5 और नए जेआईएन क्लास के न्यूक्लियर सबमरीन को अपने बेड़े में शामिल करने जा रहा है। इनमें 7400 किलोमीटर तक मार करने वाली जेएल-2 मिसाइल लगी हैं।पाकिस्तान भी भारत के लिए एक नई चुनौती के रूप में उभर रहा है। इस्लामाबाद ने हाल ही में ही बीजिंग को 8 एडवांस डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन का ऑर्डर दिया है।

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