भारत और बांग्लादेश का ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते को शीघ्रता से जमीन पर लागू करने का निर्णय लिया है। दोनों देश असैन्य परमाणु ऊर्जा, पेट्रोलियम और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग करेंगे।’नई पीढ़ी-नई दिशा’ नाम से जारी दोनों देशों के संयुक्त घोषणा पत्र में दोनों प्रधानमंत्रियों ने अक्षय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में और सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। घोषणा पत्र में निम्न मुद्दों पर जोर दिया है ।
दोनों देश उग्रवाद और आतंकवाद से निपटने में प्रतिबद्धता के साथ करेंगे सहयोग एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी गतिविधि के लिए अपनी जमीन का नहीं होने देंगे इस्तेमाल।आतंकवादी और उग्रवादी गतिविधियों में संलिप्त गुटों एवं व्यक्तियों की जानकारी करेंगे साझा।ऊर्जा, व्यापार और संपर्क के क्षेत्र में बढ़ाएंगे सहयोग एक दूसरे को सौंपे गए भू-भाग के निवासियों के नागरिक अधिकारों की होगी हर हाल में रक्षा।भारत में दफनाए गए 1971 के स्वतंत्रता सेनानियों के अवशेष बांग्लादेश को सौंपने में सहायता करेगा भारत ।