पवित्र शहर मक्का के मीना में हज यात्रा के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों का आंकड़ा 769 पहुंच गया है। शनिवार को हज यात्रा के आखिरी दिन सऊदी अरब के सीनियर धार्मिक नेता ने कहा कि भगदड़ रोकना इंसानों के हाथ में नहीं है। इस बीच, ईरान के एक धार्मिक नेता अयतोल्लाह मोहम्मद इमामी कशानी ने कहा, ”सऊदी अरब ठीक से हज यात्रा का इंतजाम नहीं कर पा रहा है। ऐसे में हज यात्रा के बंदोबस्त का जिम्मा इस्लामिक स्टेट को सौंप देना चाहिए।” बता दें कि गुरुवार को शैतान को पत्थर मारने जाते वक्त ब्रिज पर हादसे में मरने वाले भारतीयों की तादाद 29 पहुंच गई है।
25 साल बाद मक्का में हुए इतने बड़े हादसे पर अरब देशों में विवाद छिड़ गया है। सऊदी अरब के राइवल समझे जाने वाले ईरान के नेता तीर्थयात्रा में सेफ्टी, सिक्युरिटी को लेकर जमकर निशाना साध रहे हैं। सऊदी प्रेस एजेंसी (SPA) की खबर के मुताबिक, मीना में शेख अब्दुल अजीज अल-शेख ने प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ से कहा, ”जो कुछ भी हुआ उसके लिए आप जिम्मेदार नहीं हैं।” देश में होम मिनिस्टर का जिम्मा संभालने वाले प्रिंस को शेख ने कहा, ”जो बातें इंसान के हाथ में नहीं होती हैं उनके लिए आप को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। तकदीर और संयोग पर किसी का वश नहीं है।”
हज के दौरान मीना में भगदड़ मामले में ईरान ने सऊदी अरब के खिलाफ लीगल एक्शन की धमकी दी है। ईरान के प्रॉसिक्यूटर जनरल इब्राहिम रैसी ने कहा, ”हम लोग इसे इंटरनेशनल कोर्ट में ले जाएंगे। हम चाहते हैं कि हज यात्रियों की मौत के खिलाफ सऊदी अरब सरकार पर मुकदमा चले।” उन्होंने आरोप लगाया कि हज यात्रियों के लिए बने रोड को रॉयल काफिले को पास करने के लिए ब्लॉक कर दिया गया था जिसके कारण भगदड़ हुई। हालांकि, सऊदी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है। बता दें कि 24 सितंबर को हुए हादसे में 136 ईरानी सिटिजंस की मौत हुई थी और 300 से ज्यादा घायल हो गए थे।
मोहम्मद ने शुक्रवार को हालात का जायजा लिया। सऊदी हज कमेटी की मीटिंग में उन्होंने हादसे की जांच का आदेश दिया है। किंग सलमान (किंग के अलावा वह मक्का और मदीना की मस्जिदों के कस्टोडियन (संरक्षक) भी हैं) ने रिविजन का ऑर्डर दिया है। हज ऑर्गनाइज करने को लेकर एक रिविजन कमेटी बनाई जा रही है।