सीरिया में नागरिकों की मौत को लेकर रूस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। फ्रांस और यूएस ने रूस को कड़ी चेतावनी देते हुए अधिक सावधानी बरतने को कहा है। फ्रांस के पीएम मैनुएल वाल्स और यूएस के फॉरेन मिनिस्टर जॉन कैरी ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा, “रूसी हवाई हमलों में निर्दोष मारे जा रहे हैं।”
फ्रांस का कहना है कि वह रूस व उसके हितों का सम्मान करता है। पर पीस व बातचीत के लिए बमबारी रोकने की जरूरत है।वहीं, रूस पर यूएस ने ‘डंब बम’ के इस्तेमाल का आरोप लगाया है।सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, जनवरी में रूसी हवाई हमलों में 1,000 से ज्यादा नागरिक मारे गए।मृतकों में 238 मासूम व 137 महिलाएं शामिल हैं।
रूस के पीएम दमित्री मद्वेदेव ने कहा, “नागरिकों पर बम बरसाने का कोई सुबूत नहीं है। फिर भी हर कोई हमें ही कोस रहा है।बता दें कि रूसी हवाई हमलों की मदद से सीरियन आर्मी ने अलेप्पो शहर के उत्तरी इलाकों में विद्रोहियों को घेर रखा है।शुक्रवार को प्रमुख देशों द्वारा सीजफायर समझौते के बावजूद असद ने कहा है, “जंग जारी रहेगी। पूरे देश को आतंकी मुक्त कराकर रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “विद्रोहियों को हराने में वक्त लग सकता है, पर उनके खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।देश के भीतर कुछ राष्ट्र विरोधी ताकत है, जिस कारण आतंकियों को हराने में वक्त लग रहा है।वॉर से बेहाल सीरिया में 10 लाख से भी ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। ये असद विरोधी सेना के हमले वाले इलाके में फंसे बताए जा रहे हैं।
यूनाइटेड नेशन्स की हालिया रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है।बीते कुछ सालों में 2 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।यूएन के मुताबिक 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोगों को सीरिया छोड़ना पड़ा है।पिछले 5 साल के दौरान सीरिया जंग के इलाके में तब्दील हो चुका है। वहां कई मोर्चे बने हुए हैं।एक ओर सीरियन गवर्नमेंट और बागी गुटों के बीच लड़ाई चल रही है तो वहीं, सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा चुका आईएसआईएस भी खून-खराबा और तबाही मचा रहा है।